सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय व सहयोगी संस्थाओं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शोध और नवाचार सम्मेलन शोध शिखर 2024 का भव्य शुभारंभ हुआ। इस वर्ष का विषय ‘‘विकसित भारत-नया भारत’’ है। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि प्रोफेसर के नरसिम्हा रेड्डी कुलपति जवाहरलाल नेहरू टेक्निकल यूनिवर्सिटी हैदराबाद, विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रो.आर. के. बेदी, निदेशक, सत्यम इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, अमृतसर, पंजाब, उषा नायर, मेंबर सेक्रेट्री स्टेट लेवल नैक सेल, आरएनटीयू के कुलपति रजनी कांत, प्रतिकुलपति संगीता जौहरी, शोध शिखर के संबंध में प्रो. टी रवि किरण उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे जी ने की।
इस अवसर पर प्रो. के. नरसिम्हा रेड्डी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने अनेकों समिट में भाग लिया पर रिसर्च समिट में पहली बार भाग लिया, यह अद्भुत आईडिया है। भारत का प्राचीनकाल से ही रिसर्च और इनोवेशन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आगे उन्होंने स्वतंत्रता के बाद राष्ट्र की प्रगति के लिए उदाहरण देते हुए बताया कि स्वामीनाथन ने भारत को कृषि में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वहीं वर्गीज कुरियन भारतीय श्वेत क्रांति के जनक बने। जिससे भारत को विश्व के सबसे बड़े दूध उत्पादक के रूप में उभरने में मदद मिली। इसी प्रकार राष्ट्र को जब भी आवश्यकता पड़ती है हमारे देश के वैज्ञानिक शोध और इनोवेशन के माध्यम से राष्ट्र की प्रगति के लिए अपना अमूल्य योगदान देते आ रहे हैं। उन्होंने शोध और नवाचार के अंतर को भी स्पष्ट किया।
वहीं संतोष चौबे जी ने कहा कि भारत में प्राचीन काल से रिसर्च ओरियंटेशन पर काम किया जा रहा था। उन्होंने चरक और सुश्रुत और आर्यभट्ट के उदाहरण दिए। आज युवा हमें बता रहे हैं कि हमें अवसाद में जाने की जरूरत नहीं है। हममें बहुत पोटेंशियल है। हम विश्व गुरु थे और रहेंगे। बस सभी को अपना कदम आगे बढ़ाना है। हमें शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा फोकस करना होगा। नई शिक्षा नीति ने भाषा की समस्या को लगभग खत्म कर दिया है। इस देश में कंप्यूटर क्रांति में आईसेक्ट की महत्वपूर्ण भूमिका रही। हमने भारत के हर पंचायत में पहुंचकर लोगों को कम्प्यूटर की शिक्षा दी। आपको इनोवेटेड माइंड बनना होगा। हमें रिसर्च में मानवीय मूल्यों को भी शामिल करने की आवश्यकता है।आर. के. बेदी ने शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत के लिए बैकबोन है रिसर्च एंड इनोवेशन। उन्होंने शोधार्थियों को मूलमंत्र देते हुए बताया कि 3सी पर फोकस करिए। पहला क्युरिऑसिटी दूसरा क्रिएटिविटी तीसरा कोलेबोरेशन।
इस आयोजन से विकसित भारत के सपने को पूरा करने में निश्चित ही नई दिशा मिलेगी। उषा नायर ने कहा कि हमारा एजुकेशन सिस्टम स्किल बेस्ड पर फोकस होना चाहिए। आज पूरे विश्व को जरूरत है इनोवेशन और रिसर्च की। इनोवेशन हर फील्ड में लगातार चलती रहनी चाहिए। अब भारत इसमें तेजी से काम कर रहा है। आप सब अपने आप को रिसर्च एंड इनोवेशन के लिए रेडी करिए। आरएनटीयू के कुलपति प्रो. रजनी कांत ने सभी को शोध शिखर की तीन वर्षों की यात्रा से परिचित कराया।