सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बांग्लादेश में मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने आम चुनावों का बहिष्कार किया था। इसके बाद BNP ने नए मुद्दे को हवा देने की कोशिश करते हुए भारत के खिलाफ ‘इंडिया आऊट’ कैंपेन शुरू किया था।

जनवरी के बाद BNP के बड़े नेताओं ने बांग्लादेश में विपक्ष की नाकामी के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया। BNP के महासचिव राहुल कबीर रिजवी ने अपनी भारतीय शॉल को जमीन पर फेंक दिया और आग लगा दी, सीधे तौर पर ‘इंडिया आउट’ आंदोलन के साथ एकजुटता व्यक्त की।

इसके बाद BNP और उसकी समान विचारधारा वाली पार्टियों ने इस आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत प्रचार किया, लेकिन विरोध जमीन पर उतर नहीं पाया। ढाका यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग के प्रोफेसर इम्तियाज अहमद का कहना है कि BNP को चुनाव के बाद कुछ नहीं मिला और उन्होंने अचानक ‘इंडिया आउट’ आंदोलन शुरू कर दिया। आम लोगों को जोड़ने जैसा बुनियादी काम भी नहीं किया।

भारत से आयात बढ़ा रहा है बांग्लादेश

बांग्लादेश आयात के लिए भारत और चीन पर निर्भर है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक 2021-22 में बांग्लादेश के कुल आयात का 12% भारत से था। जो अब 16% तक हो गया है।

बांग्लादेश में भारतीय दूतावास के मुताबिक कपास और यार्न जैसे इंडस्ट्रियल कच्चे माल के अलावा रोजमर्रा की जरूरत की चीजों का आयात पिछले तीन साल में तेजी से बढ़ा है।

बांग्लादेश चुनाव से पहले भारत से बेनापोल और पेट्रापोल बंदरगाहों पर 200-250 ट्रक आते थे, लेकिन अब रोज 400 से 450 ट्रक माल आ रहा है।

विपक्ष के अभियान से डरे कारोबारी अब राहत में

‘इंडिया आउट’ कैंपेन के चलते डरे हुए कारोबारी अब राहत में है। ढाका में चादनीचक और न्यू मार्केट भारतीय कपड़ों के लिए प्रसिद्ध हैं। व्यापारियों का कहना है कि चुनाव के बाद भारतीय चीजों की बिक्री बढ़ी है। बांग्लादेश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मोहम्मद अब्दुल वहीद ने कहा कि इंडिया आउट कैंपेन से कारोबार पर कोई असर नहीं दिख रहा।

17 जनवरी को शुरू हुआ था बायकॉट इंडिया मूवमेंट

17 जनवरी को बांग्लादेश में बायकॉट इंडिया या इंडिया आउट कैंपेन शुरू हुआ था। कुछ एक्टिविस्ट ग्रुप और छोटे राजनीतिक दलों ने इसकी शुरुआत की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए देश के लोगों से भारतीय सामानों और सेवाओं के बायकॉट की अपील की। साथ ही लोगों से देश में बने प्रोडक्ट्स को खरीदने और उन्हें बढ़ावा देने की अपील भी की।