सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर अजय सिंह के नेतृत्व में दंत चिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर अंशुल राय को उनके शोध के द्वारा नीम की लकड़ी और लौकी के लुफ़्फ़ा से तैयार “गम मसाजिंग ब्रश” को भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग द्वारा कॉपीराइट प्रदान किया गया है।
विश्व में मुंह से संबंधित जो आम बीमारी हैं वो मसूड़े की बीमारी है। जिसमें मसूड़े से खून आना, सूजन, मुंह से दुर्गंध आना, दांतों का हिलना और दर्द होना शामिल है। इसका मुख्य कारण मुंह की साफ सफाई ठीक से नहीं करना होता है। अभी तक विश्व में जितने भी ब्रश हैं वह दांतों के लिए बनाए गए हैं।
यह दुनिया का पहला नया ब्रश है जो मसूड़े के लिए तैयार किया गया है। मसूड़े की बीमारी बढ़ने का मुख्य कारण ज्यादा मीठा और जंक फूड खाना, सही तरीके से ब्रश ना करना या कई बार खाना होता है। इससे मसूड़े की ब्लड सप्लाई कम हो जाती है, मसूड़े पिलपिले हो जाते हैं और उनमें सूजन आ जाती है, जिससे खून आने लगता है।
गम मसाज ब्रश को नीम की लकड़ी और लौकी के लुफ़्फ़ा का प्रयोग कर बनाया गया है। इसको बनाने का खर्चा भी बहुत कम आया क्योंकि नीम की लकड़ी और लौकी का लुफ़्फ़ा आसानी से मिल जाता है। प्लास्टिक का उपयोग बिलकुल नहीं किया गया जो कि आम तौर पर ब्रश में किया जाता है। बड़े सैंपल साइज के साथ रिसर्च करके जल्द ही इसको मार्केट में भी लॉन्च किया जा सकेगा। इस इनोवेटिव तकनीक के लिए एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर अजय सिंह ने डॉक्टर अंशुल राय को उनके सफलता के लिए बधाई दी है।