सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: देश में भीषण गर्मी और हीटवेव का सामना कर रहे शहरों को अगले 8 दिन राहत मिलने जा रही है। 4 मई से एक और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव हो रहा है। इसके चलते पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होगी, जबकि मैदानी इलाकों में मौसम बदलेगा और बारिश होगी।

फिलहाल उत्तर भारत के अलावा दक्षिण भारत में आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक में हीटवेव (लू) से पारा 45 का आंकड़ा भी पार कर गया है। 3 मई को देश में सबसे ज्यादा तापमान आंध्रप्रदेश के नांदयाल का रहा, जहां 46.5 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।

इसके बाद तेलंगाना के खम्मम, बंगाल के कलाईकुंडा, ओडिशा के बौद्ध और तमिलनाडु के इरोड में पारा 42 डिग्री से 45 डिग्री के बीच रिकॉर्ड हुआ।

इधर, IMD और INCOIS (इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशियन इन्फॉर्मेशन सर्विस) ने शनिवार (4 मई) से अगले 36 घंटों के लिए मुंबई और आसपास के तटीय इलाकों में हाई टाइड अलर्ट जारी किया है। इस दौरान समंदर में 5 फुट तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं।

एक दिन पहले केरल और तमिलनाडु में भी हाई टाइड का अलर्ट जारी किया गया। मछुआरों को 4 मई की रात 2.30 बजे से 5 मई की रात 11.30 तक समंदर में न जाने की सलाह दी गई है।

हीट वेव अलर्ट

आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक शनिवार को राज्य के 227 मंडलों में भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है।

केरल के 14 में से 12 जिलों में हीटवेव का येलो अलर्ट जारी किया है। यहां तापमान 40 डिग्री तक पहुंच सकता है।

दिल्ली में 4 मई को बारिश की संभवाना है। 9 से 11 मई तक प्री-मानसून के तहत मौसम बदल सकता है।

बेंगलुरू में 162 दिन बाद अच्छी बारिश हुई है। 6 मई से बारिश संभव है। पिछले दिनों तापमान 39 डिग्री तक पहुंचा।

ईस्ट इंडिया में प्री मानसून का दौर शुरू हो सकता है

मौसम की जानकारी जुटाने वाली प्राइवेट एजेंसी स्कायमेट के अनुसार 6 मई से प्री-मानसून का दौर शुरू होने की उम्मीद है। नॉर्थईस्ट के राज्यों में 4 मई से 9 मई तक बारिश होगी। साथ ही 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। नॉर्थ इंडिया यानी बिहार, झारखंड, बंगाल, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में भी बारिश हो सकती है।

क्या है कलाक्कडल और ये नाम कैसे पड़ा

विभाग ने समुद्र में जिस तरह से लहरें उठने की संभावना जताई गई है, उसे कलाक्कडल कहते हैं। कलाक्कडल का अर्थ है- समुद्र का अचानक से चोरों की तरह आना। यानी इस घटना में अचानक से ऊंची लहरें उठती हैं। INCOIS के मुताबिक, समुद्र में अचानक से लहरें उठने लगती हैं। इसका कोई संकेत या वॉर्निंग नहीं होती। इसलिए इसे कलाक्कडल कहा जाता है। इसी के चलते हिंद महासागर के दक्षिणी हिस्से में एक निश्चित समय में तेज हवाएं चलने की संभावना है।