सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: कुबेरेश्वर धाम में पं. प्रदीप मिश्रा की कथा और मेले के दौरान लगने वाले जाम का समाधान सरकार को 100 करोड़ रुपए का पड़ने वाला है। भोपाल-देवास हाईवे को 6-लेन या 8-लेन करने की तैयारी है। इस पर 3 फ्लाईओवर बनेंगे।

सबसे बड़ा फ्लाईओवर कुबेरेश्वर धाम पर एक किमी लंबा होगा, जिसमें सिर्फ पिलर्स पर लंबाई एक किमी होगी। फिर इसके दोनों तरफ 300-300 मीटर का ढलान होगा। साथ ही एक-एक किमी की सर्विस लेन भी दोनों तरफ बनेगी। बाकी के दोनों फ्लाइओवर कोलू खेड़ी वाला 400 मीटर लंबा और खजूरी सड़क का 800 मीटर लंबा होगा।

कुबेरेश्वर धाम वाले फ्लाइओवर को विशेष महत्व देकर ऐसा डिजाइन तैयार किया गया है कि पं. मिश्रा की कथा में जाने वाले वाहन भोपाल-देवास मुख्यमार्ग पर नहीं होंगे। वे सर्विस लेन की तरफ डायवर्ट हो जाएंगे। यदि कोई फ्लाइओवर पर चढ़ गया तो दूसरी तरफ जाकर ही उतरेगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि हर कथा में 10 लाख से अधिक लोग पहुंचते हैं। फरवरी 2023 में ही 7 दिन की कथा में 20 लाख श्रद्धालु पहुंच गए थे।

बहरहाल, कुबेरेश्वर धाम के साथ ही भोपाल-देवास के 141 किमी मार्ग को फ्री-वे किया जाएगा। इस पर 30 व्हीकुलर अंडर पास भी बनेंगे। अमलाहा (3.60 किमी) और कोठरी (5.70 किमी) पर मौजूदा रोड के अलावा बायपास बनेगा।

हर किमी 35.51 करोड़ का पड़ेगा, भोपाल से देवास जाने पर आधा घंटा भी कम लगेगा

सड़क विकास निगम ने इसका प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार कर लिया है। मौजूदा प्रस्ताव में हर किमी को छह लेन करने व सर्विस रोड पर 35.51 करोड़ रुपए खर्च होंगे। आंकलन किया गया है कि 100 से 120 किमी की रफ्तार से गाड़ी चलती है तो भोपाल से देवास पहुंचने पर करीब ढाई घंटे लगते हैं। यह समय घटकर दो घंटे हो जाएगा।

20 साल के ट्रैफिक का ध्यान

अनुमान है कि अगले 20 साल में भोपाल-देवास रोड पर ट्रैफिक 5-6% की दर से बढ़ेगा। इसीलिए अभी से मौजूदा फोर लेन मार्ग को 8-लेन करने पर विचार होगा। इसे बीओटी पर बनाने पर विचार है।

52 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित होगी

72 बस स्टॉप

4 बड़े पुल

27 छोटे पुल बड़ी अड़चन…

मौजूदा फोर लेन भोपाल-देवास कॉरीडोर बीओटी पर 2033 तक के लिए दिया गया है। इसे 8-लेन बीओटी मॉडल पर बनाते हैं तो नए टोल प्लाजा बनेंगे। ऐसे में पुरानी एजेंसी के बारे में निर्णय करना होगा। रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन परीक्षण कर रहा है।

तैयारी 6-लेन की, कोशिश 8-लेन कराने की

सड़क विकास निगम ने अभी 6-लेन रोड का प्रारंभिक प्रस्ताव बनाया है। लेकिन, कोशिश की जा रही है कि इस प्रारंभिक प्रस्ताव को ही 8-लेन में अपग्रेड कर दिया जाए। आचार संहिता के बाद यह बदलाव हो सकता है। इसके पीछे बड़ी वजह है कि जमीन की उपलब्धता। छह लेन में 52.275 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करनी पड़ेगी। इसमें 4.50 हेक्टेयर फॉरेस्ट लैंड का डायवर्सन भी होगा। 8 लेन करते हैं तो और जमीन की जरूरत होगी।