सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: कर्नाटक सेक्स स्कैंडल पर PM नरेंद्र मोदी ने पहली बार चर्चा की। उन्होंने कहा- प्रज्वल जैसों के लिए जीरो टॉलरेंस नीति है। उसे देश छोड़ने की इजाजत कर्नाटक सरकार ने दी है। ये कानून व्यवस्था का मुद्दा है। अगर घटना गुजरात में होती तो इसके लिए गुजरात की सरकार जिम्मेदार होती। ऐसे ही इस मामले में कदम उठाने के लिए कर्नाटक सरकार जिम्मेदार है।

सोमवार को पब्लिश्ड टाइम्स नाउ नवभारत के इंटरव्यू में मोदी ने कहा- ऐसे अत्याचारियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। सख्त सजा होनी चाहिए। महिलाओं के 2 हजार- 3 हजार वीडियो वायरल हुए हैं, वह अभी के तो होंगे नहीं। इन वीडियो का संबंध तब से है जब JDS और कांग्रेस साथ में थे। उन्होंने इन वीडियो को इकट्ठा करके रखा था।

दरअसल, 28 अप्रैल को कर्नाटक के हसान से JDS के सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ उनकी पुरानी हाउसमेड ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी। शिकायत के बाद प्रज्वल के कई वीडियो सामने आए। दावा किया गया है कि महिलाएं खुद को छोड़ने की गुहार लगा रही हैं और प्रज्वल वीडियो शूट कर रहे हैं। वे देश छोड़कर जा चुके हैं। उनके खिलाफ ब्लूकॉर्नर नोटिस भी जारी हो चुका है।

मोदी ने कहा- कांग्रेस प्रज्वल के देश छोड़ने पर हमसे सवाल कैसे पूछ सकती है। पहले कांग्रेस ही उसे राज्य से बाहर जाने दे रही है। उनके पास जानकारी थी तो उन्होंने एयरपोर्ट पर नजर क्यों नहीं रखी। राज्य को केंद्र सरकार को सूचना देनी थी। इसका मतलब यह कांग्रेस का राजनीतिक खेल है। प्रज्वल को वापस लाना चाहिए और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री से 10 सवाल-जवाब

सवाल: कांग्रेस कह रही है कि वेल्थ री-डिस्ट्रीब्यूशन और इनहेरिटेंस वाली बात उनके मैनेफेस्टों में नहीं है। भाजपा लोगों में डर फैला रही है।

मोदी: कांग्रेस के नेताओं के भाषण और उनके मैनिफेस्टो की बातों को एक कैनवास पर रखना होगा। पहले मनमोहन सिंह ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों है। उनके द्वारा लिए गए फैसले भी उनके हिडन एजेंडे को दर्शाते हैं। मैंने कांग्रेस के इसी हिडन एजेंडे को बेनकाब किया है। इसलिए वो बौखला गए हैं।

हम अपने मैनिफेस्टो में राम मंदिर की बात कहते थे, तो मीडिया हम से तारीख पूछने लगता था। यह मीडिया का काम था कि कांग्रेस के पिछले 5 मैनिफेस्टो का एनालिसिस करे। जब मैंने पार्लियामेंट में संविधान दिवस बनाने की बात कही तो खड़गे जी ने विरोध किया था।