Tag Archive: SD Virendra

जीवन को सुहानपन से वंचित न करें, प्रकृति से जुड़ें- वीर

आध्यत्मिकता सरल शब्दों में स्व सृजन से स्व प्रलय की मौलिक प्रक्रिया है-वीरजी   जब हम अपने आप से यानि

टूटती संवेदना, बढ़ती हिंसा, गिरते बोल

आपको स्मरण होगा, 2018 का वर्ष जब हम 2 दशकों तक डिजिटल दुनिया में आपके साथ रिश्ते को और प्रगाढ़

केवल बढ़ती अर्थव्यवस्था, देशोन्नति का द्योतक नहीं.

आज समय, बाजार और सिर्फ बाज़ार का आ गया है. एक खाद्य जीवन चक्र होता है, जिसके पिरेमिड शीर्ष पर