सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के मानविकी एवं उदार कला संकाय द्वारा हिंदी उत्सव पखवाडा के तहत हिन्दी भाषा के प्रसार-प्रचार के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को कविता पोस्टर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मानविकी एवं उदार कला संकाय के संकाय प्रमुख टीना तिवारी ने हिन्दी उत्सव के महत्व पर प्रकाश डाला और कविता पोस्टर कार्यशाला के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा की कविता की बारीकियों को समझने का एक माध्यम कविता पोस्टर भी हो सकता है। कार्यक्रम की संयोजक विशाखा राजुरकर राज ने बच्चों को आधुनिक भारतीय कवियों जैसे- मुक्तिबोध, निराला, आलोक श्रीवास्तव, संतोष चौबे, धूमिल, पाश, केदारनाथ अग्रवाल आदि की कविताओं की चुनी हुई पंक्तियाँ भेट की और उनपर कविता पोस्टर बनाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम के संयोजक और वर्कशॉप के मेन्टर अर्जुन कुमार सिंह ने बच्चों को विभिन्न प्रकार के कविता पोस्टर को स्लाईड शो के माध्यम से दिखाया और उसके बनने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा की कविता पोस्टर में कविता एक प्राथमिक तत्व है, चित्र सहयोगी की भूमिका में सामने आते हैं, परंतु चित्र, कविता का अनुकरण नहीं करते, उनका अपना अस्तित्व होता है जो कविता पोस्टर को प्रभावकारी बनाता है। उन्होंने कहा कविता पोस्टर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का सशक्त माध्यम हो सकता है जो कवि की कविता को भी एक नया आयाम देता है।
कार्यशाला में सुश्री हिना अरशद खान (विभागाध्यक्ष-डिजाइन स्कूल), दृष्टिपाल सिंह परिहार (विभागाध्यक्ष- मानविकी एवं उदार कला), रवींद्र श्रीवास्तव (विभागाध्यक्ष- आधुनिक विज्ञान विभाग), राधिका साहू, सुश्री मेघा थापा, सुश्री सुधा तिवारी आदि शिक्षकों ने भागीदारी की और छात्रों को प्रोत्साहित किया, साथ ही इस आयोजन को सफल बनाने में महती भूमिका अदा की।
इस पहल पर स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के चांसलर सिद्धार्थ चतुर्वेदी, रजिस्ट्रार सितेश कुमार सिन्हा और कुलगुरू अजय भूषण ने मानविकी एवं कला संकाय की टीम को शुभकामनाएं दीं और कहा कि रचनात्मकता का विकास व्यक्तित्व को पूर्ण बनाती हैं और करियर की सफलता में भी अहम भूमिका निभाती हैं। ऐसे में कविता पोस्टर की यह अनूठी कार्यशाला छात्रों में रचनात्मकता के सृजन में अहम योगदान निभाएगी।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी संकाय/ विभागों के 50 से अधिक छात्र- छात्राओं ने भागीदारी की।