सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: विश्व स्ट्रोक दिवस के अवसर पर एम्स भोपाल में स्ट्रोक की पहचान और इसके समय पर इलाज के महत्व पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह ने कहा, “स्ट्रोक, विश्व स्तर पर रोगग्रस्तता का तीसरा प्रमुख कारण है। इसका प्रभाव कम करने की कुंजी समय पर चिकित्सा देखभाल है।
यदि मरीज सही समय पर अस्पताल पहुंचता है, तो सकारात्मक परिणाम की संभावना काफी बढ़ जाती है। मैं सभी से आग्रह करता हूँ कि अपने आस-पास स्ट्रोक के इलाज के बारे में जागरूकता फैलाएं। अप्रमाणित चिकित्सकों या ‘तांत्रिकों’ के पास जाने से बचें। समय पर चिकित्सा देखभाल जीवन बचाने के लिए महत्वपूर्ण है।” प्रो. अजय सिंह ने स्ट्रोक के मरीजों से भी बातचीत की, जिन्होंने अपनी उपचार प्रक्रिया और ठीक होने की कहानियाँ साझा कीं।
निदेशक अग्रता शर्मा ने कार्यक्रम के दौरान स्ट्रोक के कारणों के बारे में बताया, जिनमें उच्च रक्तचाप, मधुमेह, धूम्रपान और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली शामिल हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हर दो मिनट में एक व्यक्ति की मृत्यु स्ट्रोक के कारण होती है, जिससे जागरूकता और रोकथाम और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
कार्यक्रम के दौरान एक नाट्य प्रस्तुति (स्किट) का आयोजन किया गया, जिसमें स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानने और त्वरित चिकित्सा हस्तक्षेप के महत्व को दर्शाया गया। इस स्किट ने अचानक कमजोरी या सुन्नता, बोलने में कठिनाई, और संतुलन खोने जैसे चेतावनी संकेतों को प्रभावी ढंग से उजागर किया और समय पर अस्पताल पहुंचने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में फैकल्टी सदस्य, रेजिडेंट्स, नर्सिंग स्टाफ और मरीजों ने भाग लिया। इस आयोजन ने न केवल आम जनता को शिक्षित किया बल्कि स्ट्रोक देखभाल में सुधार और इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या के बोझ को कम करने की एम्स भोपाल की प्रतिबद्धता को भी मजबूत किया।

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