सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : कोविड-19 के 5 साल बाद चीन में फिर एक बार नए वायरस का संक्रमण फैल रहा है। इसके लक्षण भी कोरोना वायरस की तरह ही है। इस नए वायरस का नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) है, जो कि एक RNA वायरस है।

वायरस से संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

चीन के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के मुताबिक इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और गले में घरघराहट शामिल हैं। HMPV के अलावा इन्फ्लुएंजा ए, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 के केस भी सामने आ रहे हैं। इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है।

रॉयटर्स के मुताबिक 16 से 25 दिसंबर के बीच सांस संबंधी समस्याओं के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।
रॉयटर्स के मुताबिक 16 से 25 दिसंबर के बीच सांस संबंधी समस्याओं के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।

दावा- चीन में कई जगह इमरजेंसी घोषित सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट में मरीजों की फोटो पोस्ट करते हुए दावा किया गया है कि चीन ने वायरस के फैलने के बाद कई जगहों पर इमरजेंसी घोषित कर दी है। दावे के मुताबिक अस्पतालों और श्मशान घाटों में भीड़ बढ़ रही है।

हालांकि, चीन की तरफ से ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है। द स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक CDC ने पहले से अस्थमा और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी जैसी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों में संक्रमण का खतरा ज्यादा होने की बात कही है।

खांसने और छींकने से वायरस के फैलने का खतरा अधिक है। वायरस का असर ज्यादा होने पर इससे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया भी हो सकता है। रॉयटर्स के मुताबिक चीन इससे निपटने के लिए एक निगरानी सिस्टम की टेस्टिंग भी कर रहा है।

पहली बार 2001 में हुई थी पहचान HMPV वायरस की पहचान पहली बार 2001 में हुई थी। एक डच शोधकर्ता ने सांस की बीमारी से जूझ रहे बच्चों के सैंपल में इस वायरस का पता लगाया था। हालांकि, ये वायरस पिछले 6 दशकों से मौजूद है।

ये वायरस सभी तरह के मौसम में वातावरण में मौजूद होता है, लेकिन इसके सबसे ज्यादा फैलने का खतरा सर्दियों में होता है।

2019 में चीन से ही फैला था कोरोना वायरस कोविड-19 का पहला मामला 2019 में चीन के वुहान शहर में मिला था। तब इसे एक रहस्यमयी निमोनिया समझा गया था। ये सार्स-कोव-2 वायरस (कोरोना वायरस) से फैला था।

इसके बाद ये वायरस दुनिया में तेजी से फैला। 30 जनवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे ग्लोबल पेंडेमिक (वैश्विक आपदा) घोषित किया था।

दुनिया भर में कोविड के 70 करोड़ से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे। इसके अलावा 70 लाख से ज्यादा मौतें भी दर्ज की गई।

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