सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार के विभिन्न सरकारी विभागों में पदस्थ कर्मचारियों और अधिकारियों से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में जबलपुर हाई कोर्ट की फुल बेंच ने सोमवार को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह मामला उन कर्मचारियों से जुड़ा है, जो ट्रांसफर से बचने के लिए प्रमोशन लेने से इनकार कर देते हैं, लेकिन समयमान वेतनमान का लाभ लेते हैं।
हाई कोर्ट में इस विषय पर पहले अलग-अलग फैसले दिए जा चुके हैं। एक फैसले में कहा गया कि प्रमोशन लेने से इनकार करने पर भी कर्मचारी को समयमान वेतनमान से वंचित नहीं किया जा सकता, जबकि दूसरे फैसले में प्रमोशन न लेने पर समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिए जाने का निर्णय हुआ। इस विवाद को सुलझाने के लिए एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेव की अध्यक्षता वाली फुल बेंच ने सुनवाई की।
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि प्रमोशन और समयमान वेतनमान दो अलग-अलग चीजें हैं, और समयमान वेतनमान 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद स्वतः मिल जाता है। कई बार प्रमोशन लेने के बाद वेतनमान समयमान वेतन के बराबर हो जाता है, जिससे कर्मचारी प्रमोशन लेने से इनकार कर देते हैं।
फिलहाल, इस मामले में फुल बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा है। इंदौर खंडपीठ में ही इस तरह के 550 से अधिक मामले लंबित हैं।