सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : कुष्ठ निवारण दिवस का आयोजन सिविल अस्पताल गोविंदपुरा हथाईखेड़ा में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त घुमंतु और अर्धघुमंतु कल्याण विभाग कृष्णा गौर एवं राज्यमंत्री लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग नरेन्द्र शिवाजी पटेल की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को माल्यार्पण कर की गई। इस अवसर पर शहीदों की स्मृति में मौन धारण कर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपने जीवन का बलिदान देने वाले शहीदों को याद किया गया।
कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा कुष्ठ जागरूकता और उन्मूलन के लिए संकल्प वाचन हुआ। इस अवसर पर कुष्ठ रोगियों को ग्रिप ऐड एवं पदरक्षक वितरण किया गया। कार्यक्रम में कुष्ठ रोग से ठीक हो चुके लोगों द्वारा अपने अनुभव साझा किए गए। इस अवसर पर सिविल अस्पताल गोविंदपुरा के इमरजेंसी विभाग, प्रसूति वार्ड, पीएनसी वार्ड एवं पोषण पुनर्वास केंद्र का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ मनीष राठौर, स्थानीय पार्षदगण, कुष्ठ रोग से ठीक हो चुके हितग्राही , स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त घुमंतु और अर्धघुमंतु कल्याण विभाग कृष्णा गौर ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन कुष्ठ रोगियों की सेवा, भेदभाव और छुआछूत को दूर करने के लिए समर्पित रहा।प्रधानमंत्री के निरंतर प्रयासों से गांधी जी के स्वच्छता के विचारों को आज देश में आदत के रूप में अपनाया जा चुका है। गौर ने कहा कि सिविल अस्पताल हताईखेड़ा गोविंदपुरा क्षेत्र में एक सौगात के रूप में स्थापित हुआ है। इस 100 बिस्तरीय अस्पताल में सुविधाओं का निरंतर विस्तार किया जा रहा है।
राज्यमंत्री लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि भारत सरकार द्वारा साल 2027 तक कुष्ठ रोग के संक्रमण को रोकने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में सभी स्तरों पर कार्य किया जा रहा है। कुष्ठ रोग जांच एवं उपचार की सुविधा शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों में नि:शुल्क उपलब्ध है । शासन द्वारा न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण उपचार की सुविधा नि:शुल्क दी जा रही है, वरन मरीजों को दैनिक क्रियाकलापों में परेशानी ना हो, इसके लिए विशेष रूप से बनी चप्पलें, ग्रिप ऐड बर्तन और सेल्फ केयर किट भी दी जा रही है। श्री पटेल ने कहा कि शरीर में किसी भी असामान्यता के दिखने अथवा बीमारी के प्रारंभिक लक्षणों के नजर आने पर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ मनीष राठौर ने कुष्ठ रोग के सम्बन्ध में बताया कि यह रोग बैलिसस माइक्रोबैक्टेरियम लेप्री के कारण होता है। कुष्ठ संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर उसके श्वसन तंत्र से निकलने वाली पानी की बूंद में उपस्थित लेप्री बैक्टीरिया हवा के साथ मिलकर दूसरे व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाता है। यह बैक्टीरिया बहुत धीरे-धीरे पड़ता है। संक्रमण होने के लगभग 5 वर्षों बाद रोग के लक्षण दिखाई देते हैं। यह मुख्य रूप से त्वचा, नर्व्स और आंखों को प्रभावित करता है। त्वचा के चकतों या धब्बों में संवेदना की कमी, हाथ या पैरों में सुन्नता, पलकों की कमजोरी, दर्द रहित घाव, हाथ पैरों में जलन प्रभावित नसों में सूजन या दर्द कुष्ठ के प्रमुख लक्षण हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल प्रभाकर तिवारी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर कुष्ठ निवारण दिवस का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष यह दिवस Ending Stigma, Embracing Dignity की थीम पर मनाया जा रहा है। कुष्ठ जागरूकता पखवाड़ा की शुरुआत हुई है जो कि 13 फरवरी तक संचालित किया जाएगा। इस दौरान कुष्ठ रोगियों से भेदभाव न करने संबंधी जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। पखवाड़े में स्वास्थ्य संस्थाओं में पीओडी शिविर, स्किन स्क्रीनिंग कैंप एवं कुष्ठ रोगियों के संपर्क में आए मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।
कुष्ठ रोग पूरी तरह से उपचार योग्य है। एमडीटी या बहू औषधि उपचार के नियमित सेवन से विकृतियों से बचाव एवं संक्रमण रुकता है। रोग की शीघ्र पहचान और दवा का पूरा कोर्स, कुष्ठ रोग से होने वाली विकलांगता से बचाता है। छूने, साथ खेलने या एक साथ काम करने से यह रोग नहीं फैलता है। लेकिन अनुपचारित रोगियों के साथ नजदीकी और लगातार संपर्क से रोग का संचरण बढ़ सकता है।
#कुष्ठजागरूकता #कृष्णागौर #श्रीपटेल #स्वास्थ्यअभियान