भोपाल । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि लगातार देश विरोधी काम करना, देश के सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ कर समाज के ताने-बाने को चोट पहुंचाना कांग्रेस की पुरानी आदत और उसकी राजनीति का आधार रहे हैं। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे नेता कांग्रेस के इसी एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। विश्व मूलनिवासी दिवस की आड़ लेकर कांग्रेस के ये नेता हमारे आदिवासी भाइयों को बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि खुद को आदिवासियों का हमदर्द बताने की हड़बड़ी में इन नेताओं ने आदिवासी समाज के उन दिवंगत नेताओं के अपमान से भी गुरेज नहीं किया, जिन्हें सोमवार को विधानसभा में श्रद्धांजलि दी जाना थी।
शर्मा ने कहा कि 9 अगस्त की तारीख का हमारे आदिवासी समाज के इतिहास से कोई लेना देना नहीं है। वास्तव में मूलनिवासी दिवस की अवधारणा उन अंतरराष्ट्रीय ताकतों की देन है, जो धर्मांतरण को बढ़ावा देना चाहती हैं और भारत के आदिवासी समाज को तोडऩा चाहती है। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस इन ताकतों के षडयंत्र में सहभागी बन रही है, जो भारतीय इतिहास में आदिवासी भाइयों के योगदान को भुला देना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की स्पष्ट सोच है कि हम सभी भारतीय इस देश के मूलनिवासी हैं। हमारे लिए हमारी आदिवासी संस्कृति और इतिहास गर्व का विषय हैं और भारतीय जनता पार्टी शहीद बिरसा मुंडा के जन्मदिवस 15 नवंबर को आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाने की पक्षधर है।
किया कुछ नहीं, घडिय़ाली आंसू बहा रही कांग्रेस
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में देश और प्रदेश के आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया और अब घडिय़ाली आंसू बहा रही है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार देश में अलग से आदिवासी मंत्रालय बनाने का काम स्व. अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार ने किया। अनुसूचित जनजाति आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार ने किया। दिग्विजय सिंह की सरकार ने तो 10 सालों तक भर्तियों पर रोक लगाए रखी, जिससे हजारों आदिवासी युवा रोजगार वंचित रह गए। श्री शर्मा ने कहा कि खुद को आदिवासियों के हितैषी बता रहे कांग्रेस के नेताओं को यह जान लेना चाहिए कि आदिवासी बच्चों के लिए प्रदेश के गांव-गांव में आश्रम, स्कूल और छात्रावास भाजपा सरकार ने खोले हैं। इस वर्ग के बच्चों के लिए मुफ्त उच्च शिक्षा की व्यवस्था की है। वनवासी भाइयों को आजीविका उपलब्ध कराने के लिए वनोपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया। लाखों वनवासी भाइयों को वनभूमि के पट्टे दिये। भाजपा की शिवराज सरकार ने ही आदिवासी समुदाय की सर्वाधिक पिछड़ी जातियों के लिए अलग-अलग विकास प्राधिकरण बनाए। शर्मा ने कहा कि जल्द ही मध्यप्रदेश सरकार ‘देवारण्यÓ योजना ला रही है, जिसमें 58000 किलोमीटर वन क्षेत्र को जनजातियों के द्वारा वनाधिकार प्रबंधन हेतु खोला जाएगा। यह दुनिया का सबसे बड़ा वानिकी अभियान होगा। शर्मा ने कहा कि आदिवासी नायकों रानी दुर्गावती, टंट्या भील, शंकर शाह, रघुनाथ शाह आदि को सम्मान देने का काम भी भाजपा की सरकार ने किया। राजनीति के लिए आदिवासियों का इस्तेमाल करने वाली कांग्रेस ने तो हमेशा आदिवासी नेताओं का हक छीनने और उन्हें दबाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस और उसके नेता वास्तव में खुद को आदिवासियों का हितैषी मानते हैं, तो प्रदेश की जनता को बताएं कि उन्होंने बीते 70 सालों में जनजातीय समुदाय के लिए क्या किया है?