सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल:  अनियमित दिल की धड़कन, जिसे एरिथमिया (Arrhythmia) भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिल बहुत तेज, बहुत धीमी या इर्रेग्युलर पैटर्न में धड़कता है.  यह तब होता है जब हार्ट के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में गड़बड़ी होती है, जो हार्ट रेट और रिदम को कंट्रोल करती है. हालांकि कभी-कभी इर्रेग्युलर हार्टबीट होना नॉर्मल और खतरे से बाहर हो सकता है, लेकिन लगातार ऐसा होना खतरनाक मेडिकल कंडीशन का साइन हो सकता है. ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नहीं है, इसके लिए आप अपनी डेली हैबिट्स में कुछ बदलाव ला सकते हैं |

इर्रेग्युलर हार्टबीट को कैसे करें कंट्रोल?

1. रेग्युलर एक्सरसाइट
अगर आफ मोडरेट लेवल की एक्सरसाइज रोजाना करेंगे तो दिल को मजबूत बनाने में और इसके फंक्शंस को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. आप रोजाना 30 से 60 मिनट वर्कआउट के लिए निकालें. ऐसा करने से हार्ट अटैक का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा. अगर आप जिम नहीं जा सकते, तो पैदल चलें, सीढ़ी चढ़े और भारी सामान उठाने की कोशिश करें |

2. बैलेंस्टड डाइट खाएं
आप कितनी भी एक्सराइज क्यों न कर लें, लेकिन अगर आपकी डाइट बैलेंस्ड नहीं रहेगी तो बेहतर स्वास्थ्य की तरफ बढ़ना मुश्किल हो जाएगा. जो लोग संतुलित आहार लेते हैं उनकी हार्टबीट रेग्युलर स्पीड से चलने लगती है. वहीं अगर आप ऑयली, साॉल्टी, फ्राइड और ट्रांस फैट वाले फूड्स ज्यादा खाएंगे तो दिल की सेहत को खतरा हो जाएगा |

3. टेंशन न लें
अक्सर हमारे बड़े बुजुर्ग कहते आएं हैं, ‘चिंता चिता समान है’. इसका मतलब है कि अगर हम अपनी मेंटल हेल्थ को बेहतर नहीं रखेंगे तो शरीर को स्वस्थ्य रखना मुश्किल हो जाएगा. जो लोग ज्यादा टेंशन और स्ट्रेस लेते हैं उनका हार्ट बीट इर्रेग्युलर हो जाता है |

4. भरपूर नींद लें
ज्यादातर हेल्थ एक्सपर्ट इस बात की सलाह देते हैं कि एक युवा को दिन में 7 से 8 घंटे सोना चाहिए. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे या फिर स्लीप साइकल को डिस्टर्ब करेंगे तो इससे आपके दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है |

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