सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल:  इंदौर: दो हजार और 500 के नकली नोट छापकर बाजार में चलाने वाली गैंग के पांच सदस्यों को अब जेल में ही अपनी सजा पूरी करनी होगी। हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने इन आरोपियों की सजा के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने माना कि ट्रायल कोर्ट ने सजा देने में कोई गलती नहीं की है, और सभी पांच आरोपियों को अपनी सजा जेल में ही काटनी होगी।

इस मामले की सुनवाई जस्टिस बिनोदकुमार द्विवेदी की खंडपीठ के समक्ष हुई, जिसमें शासन की ओर से अधिवक्ता राजेश जोशी ने पैरवी की। आरोपी सुशील, नासिर, रामबाबू, रईस, और संतोष ने 2023 में ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजा के खिलाफ अपील दायर की थी।

पुलिस ने 8 अक्टूबर 2018 को एक सूचना के आधार पर नकली नोटों के साथ कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह आरोपी नकली नोटों के जरिए असली नोट हासिल कर चल-अचल संपत्तियां खरीदते थे और फिर उन्हें बेचकर असली करंसी प्राप्त करते थे। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने इनके ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें नकली नोट और इन्हें बनाने की सामग्री बरामद हुई।

शासन की ओर से दलील दी गई कि यह आरोपी गंभीर अपराध में शामिल हैं, और अगर इन्हें जेल से बाहर किया गया तो वे फिर से इसी अवैध धंधे में लिप्त हो सकते हैं। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपील को खारिज कर दिया और इन पांचों आरोपियों को जेल में ही रखने के आदेश को बरकरार रखा।