सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : जीडीएम दिवस के अवसर पर जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस के प्रति जागरूकता हेतु स्वास्थ्य संस्थाओं में जागरूकता एवं जीडीएम स्क्रीनिंग शिविरों का आयोजन किया गया है। जिसमें गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को जीडीएम जांच एवं गर्भावस्था में शीघ्र पंजीयन करवाने की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी जाएगी। मातृ एवं शिशु रोग रुग्णता के कारणों में जेस्टेशनल डायबिटीज मेलाइटिस एक गंभीर समस्या है। जिससे मां एवं शिशु के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस वह अवस्था होती है जिसमें गर्भावस्था में पहली बार खून में बढ़ी हुई शुगर का पता चलता है या पहली बार गर्भावस्था में खून में शुगर बढ़ जाती है। गर्भावस्था में शारीरिक एवं हार्मोनल परिवर्तन के कारण शरीर शुगर का इस्तेमाल सामान्य रूप से नहीं कर पाता है, इसकी वजह से खून में शुगर का स्तर बढ़ जाता है । यह मां और गर्भ में शिशु के लिए हानिकारक होता है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि महिला को गर्भवती होने का पता चलते ही आशा कार्यकर्ता अथवा स्वास्थ्य कर्मी से संपर्क कर अपना पंजीयन एवं जांच आवश्यक रूप से करवानी चाहिए। जीडीएम जांच की सुविधा जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों में नि:शुल्क उपलब्ध है।

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