सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम डॉक्टर और नर्सिंग अधिकारियों के लिए शुरू किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्राथमिक स्तर पर आम इमरजेंसी, बर्न और ट्रॉमा जैसे मामलों के प्रबंधन के लिए आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए एम्स के कार्यपालक निदेशक (डॉ.) अजय सिंह ने कहा कि ट्रॉमा और इमरजेंसी की स्थिति में समय सबसे महत्वपूर्ण होता है। विशेष रूप से पहला घंटा गोल्डन आवर कहलाता है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि यह आवश्यक नहीं कि आप सब कुछ जानते हो और आप सब कुछ कर पाएं। किंतु यह आवश्यक है कि आप जो भी करें उससे मरीज की स्थिति में सुधार हो और जिस किसी भी विभाग में उसको आगे भेजा जाए तो उसका बेहतर इलाज हो सके। इसलिए समय पर की गई प्रतिक्रिया मरीज को एक नया जीवन दे सकती है। आपके मन में कोई भी शंका हो तो निश्चित रूप से उसका समाधान अवश्य करें।

 

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन एम्स के ट्रॉमा एवं इमरजेंसी मेडिसिन विभाग तथा मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से किया जा रहा है। 12 तारीख तक चलने वाले इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से आए 35 से अधिक नर्सिंग अधिकारी भाग ले रहे हैं। इन सभी नर्सिंग अधिकारियों को विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ प्राथमिक स्तर की जानकारी देंगे। इस कार्यक्रम के द्वारा लगभग 500 डॉक्टर और नर्सिंग अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस तरह के कुल 17 प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे जो जनवरी 2025 तक चलेंगे।
एम्स के ट्रॉमा एवं इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ मोहम्मद यूनुस ने इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों की महत्ता के बारे में बताते हुए कहा कि यहां से प्रशिक्षित होने के बाद यह डॉक्टर और नर्सिंग अधिकारी प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में बर्न और ट्रॉमा के मामलों का बेहतर तरीके से प्रबंधन कर पाएंगे जिससे कि मरीज शीघ्र स्वस्थ होंगे और उनका जीवन बचाया जा सकेगा। ये सभी डॉक्टयर एवं नर्सिंग अधिकारी प्रशिक्षण के बाद अपने-अपने स्वस्थ केंन्द्र पर जाकर अन्य लोगों को प्रशिक्षित करेंगे ताकि बड़े पैमाने पर बर्न और ट्रॉमा के मामलों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन हो सके।