सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल  :  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद देशवासियों के दिलों में गुस्सा है, लेकिन हमें समझना चाहिए कि यह लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच है। विलेपार्ले के दीनानाथ थिएटर में आयोजित चौथे लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. भागवत ने कहा कि हमें बुराई को समाप्त करने के लिए ताकत दिखानी होगी और जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल भी करना होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है यह दिखाने का कि हमारा देश कितना शक्तिशाली है। डॉ. भागवत ने इस मौके पर देशवासियों से एकजुट होने की अपील की और कहा कि समाज में एकता के बिना हम ऐसे हमलों को रोकने में सक्षम नहीं हो सकते।

उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि रावण भगवान शिव का भक्त था, लेकिन उसके आसपास की परिस्थितियों को सुलझाने में असफल रहने के कारण भगवान राम को उसका वध करना पड़ा। यही हाल कुछ लोगों का है, जिनसे संवाद से कोई समाधान नहीं होगा, उन्हें कठोर कदम उठाकर सिखाना जरूरी है।

कार्यक्रम में संगीत सेवा के लिए मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार एम. राजन को, नाटक ‘आसेन मी नासेन मी’ के लिए मोहन वाघ पुरस्कार और साहित्यिक सेवा के लिए श्रीपम सबनीस को वाग्विलासिनी पुरस्कार प्रदान किए गए।

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