सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: स्वास्थ्य विभाग भोपाल द्वारा राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम और राष्ट्रीय सर्पदंश रोकथाम एवं नियन्त्रण कार्यक्रम अंतर्गत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अर्धदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में शासकीय व निजी स्वास्थ्य संस्थाओं के चिकित्सक, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम एवं वन विभाग के अधिकारी सम्मिलित हुए।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के अकादमिक ब्लॉक के कौटिल्य भवन में आयोजित कार्यशाला में एम्स के विषय विशेषज्ञों द्वारा रेबीज और सर्पदंश विषय पर जानकारी दी गई।
कार्यशाला को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल प्रभाकर तिवारी द्वारा संबोधित किया गया। प्रशिक्षण मेडिसिन डिपार्टमेंट की प्रोफेसर सीमा पी महंत, कम्यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर पंकज प्रसाद, सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर कृष्ण कुमार द्वारा प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण में रेबीज की एपिडेमियोलॉजी,पोस्ट एक्स्पोज़र प्रोफाइलेसिस, एंटी रेबीज वैक्सीन, जानवर के काटने पर घाव के सर्जिकल मैनेजमेंट, रेबीज प्रकरणों के डायग्नोसिस और क्लीनिकल मैनेजमेंट बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। साथ ही सर्पदंश से बचाव एवं उपचार के प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी दी गई । प्रशिक्षण में बताया गया कि चिकित्सक उनके पास आने वाले मरीजों के उपचार के साथ-साथ उन्हें अंधविश्वासों के प्रति भी जागरूक किया जाना जरूरी है।सांप के काटने के बाद शुरुआत का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस समय घरेलू उपचार या झाड़ फूंक करवाने से व्यक्ति की जान भी जा सकती है , इसीलिए बिना विलंब किए चिकित्सक को दिखाना बहुत जरूरी होता है।
प्रशिक्षण में बताया गया कि सांप या कुत्ते के काटने पर बिना विलंब किए नजदीकी स्वास्थ्य संस्था में चिकित्सक को दिखाना आवश्यक है । जिस स्थान पर सांप ने काटा है, उस स्थान को नहीं बांधना चाहिए। साथ ही उसे स्थान को हिलाना डुलाना भी नहीं चाहिए। कुत्ते के काटने पर काटे हुए स्थान को साबुन एवं नल के बहते पानी से धो लेना चाहिए। चिकित्सक को तुरंत दिखाना जरूरी है।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल प्रभाकर तिवारी ने कहा कि रेबीज एक जानलेवा बीमारी है, लेकिन वैक्सीन के द्वारा इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। रेबीज की वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध है। कुत्ते या सांप के काटने का इलाज भी शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों में नि: शुल्क प्रदान किया जाता है। भोपाल की सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों में डॉग बाइट, स्नेक बाइट एवं रेबीज प्रोफिलेक्स के प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कर उपचार किया जा रहा है।

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