सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बीएमएचआरसी में महिला सम्मान समारोह आयोजित किया गया। मध्यप्रदेश सरकार में राज्यमंत्री कृष्णा गौर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने सर्वप्रथम भोपाल गैस त्रासदी स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की और पौधारोपण किया। इसके बाद रक्ताधान चिकित्सा विभाग में मौजूद रेफ्रिजरेटेड सेंट्रीफ्यूज मशीन का लोकार्पण किया। बीएमएचआरसी के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने संस्थान की फिजियोथैरेपिस्ट नेहल शाह के कविता संग्रह “और इन सबके बीच” का विमोचन भी किया। बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ मनीषा श्रीवास्तव ने श्रीमती गौर को अस्पताल के 25वें वर्ष में प्रवेश करने के मौके पर डाक विभाग द्वारा जारी किया गया स्पेशल कवर भी भेंट किया।
बीएमएचआरसी के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए श्रीमती गौर ने कहा कि समाज, परिवार और कार्यस्थल पर महिलाओं की भूमिका अतुलनीय है। स्वास्थ्य क्षेत्र में महिलाओं का योगदान सराहनीय है, और बीएमएचआरसी में कार्यरत महिला डॉक्टरों, नर्सों एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की निष्ठा और सेवा भावना समाज के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि आज समाज में महिलाओं के प्रति सोच बदल रही है। महिलाएं अब अबला नहीं हैं बल्कि उन्होंने आर्थिक, सामाजिक, खेल और राजनीति के हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। अगर आज हमारे देश में धर्म, संस्कृति और परंपरा जीवित हैं, तो उसका श्रेय नारियों को ही जाता है। महिलाएं ही सही मायनों में हमारी संस्कृति की वाहक हैं।
उन्होंने बीएमएचआरसी की महिला कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों को सराहनीय बताया और कहा कि बीएमएचआरसी के कर्मचारी अपने सेवाभाव से कई लोगों की जान बचा रहे हैं। उन्होंने बीएमएचआरसी द्वारा मरीजों के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की और कहा कि संस्थान की तरक्की के लिए वे हरसंभव सहयोग देंगी। अंत में, उन्होंने बीएमएचआरसी की पूरी टीम को महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं और मरीजों के उत्तम स्वास्थ्य की कामना की।
बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक मनीषा श्रीवास्तव ने श्रीमती गौर का संस्थान में आगमन पर आभार व्यक्त किया और कहा कि गौर का राजनीति और समाज में विशिष्ट और प्रभावशाली योगदान रहा है। वे हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए चिंतित रहती हैं कि मरीजों को अस्पताल में अच्छा उपचार मिले और उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि बीएमएचआरसी द्वारा महिलाओं के लिए बीते एक वर्ष से कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। महिलाओं एवं बालिकाओं में सिकल सेल एनीमिया और रक्त संबंधी बीमारियों की पहचान के लिए स्क्रीनिंग कैंप आयोजित किए जा रहे हैं।
सुरक्षित ब्लड कंपोनेंट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करती है रेफ्रिजरेटेड सेंट्रीफ्यूज मशीन
राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने अस्पताल में रेफ्रिजरेटेड सेंट्रीफ्यूज मशीन का लोकार्पण भी किया। बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक एवं रक्ताधान चिकित्सा विभाग की प्रमुख मनीषा श्रीवास्तव ने बताया कि संस्थान में पहले से यह मशीन मौजूद थी, लेकिन वे काफी पुरानी हो चुकी थीं। अब दो नई रेफ्रिजरेटेड सेंट्रीफ्यूज मशीनें खरीदी गई हैं। यह मशीन ब्लड सैंपल्स को ठंडे तापमान पर उच्च गति से घुमाकर रक्त के विभिन्न घटकों जैसे प्लाज्मा, रेड ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स को अलग करने के लिए उपयोग की जाती है। इससे जरूरतमंद मरीजों को सही ब्लड कंपोनेंट प्रदान किया जा सकता है। ठंडे तापमान पर ब्लड सैंपल को प्रोसेस करने से उसकी गुणवत्ता और प्रभावशीलता बनी रहती है। यह मशीन कैंसर, एनीमिया, थैलीसीमिया और हेमोफीलिया जैसी बीमारियों से ग्रसित मरीजों को शुद्ध और सुरक्षित ब्लड कंपोनेंट्स उपलब्ध कराने में सहायक है। साथ ही, दुर्घटनाओं, सर्जरी और अन्य आपातकालीन स्थितियों में रक्त को तुरंत उपलब्ध कराने में मदद करती है।
निदेशक श्रीवास्तव ने बताया कि बीएमएचआरसी के ब्लड बैंक में वर्ष 2000 से अब तक 80,000 यूनिट रक्त एकत्र किया जा चुका है। इस रक्त से 2.12 लाख ब्लड कंपोनेंट तैयार किए जा चुके हैं और 1.65 लाख लोगों को इसका लाभ मिल चुका है।
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