सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन कपूर ने हाल ही में एक गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी हैशिमोटो थायरॉयडिटिस के बारे में खुलासा किया है. सिंघम अगेन, हाफ गर्लफ्रेंड और एक विलेन जैसी फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले अर्जुन ने एक इंटरव्यू में बताया कि इस बीमारी से जूझना कितना चुनौतीपूर्ण है और कैसे इसने उनके सेहत और लाइफस्टाइल को प्रभावित किया है |
टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, अर्जुन कपूर ने बताया कि हैशिमोटो थायरॉयडिटिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से थायरॉयड ग्लैंड पर हमला करने लगता है. उनके अनुसार, इस बीमारी के कारण उनके शरीर पर तनाव बढ़ जाता है, जिससे वजन को स्थिर रखना और एनर्जी का बैलेंस बनाए रखना मुश्किल हो जाता है. अर्जुन ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे मेरी एंटीबॉडीज को लगता है कि कुछ गलत है और वे तुरंत एक्टिव हो जाती हैं. उनके लिए, एक फिल्म अभिनेता होने के नाते ये दो चीजें बेहद जरूरी हैं, और इस बीमारी से उन्हें अपने पर्सनल जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है |
क्या है हैशिमोटो थायरॉयडिटिस?
हैशिमोटो थायरॉयडिटिस एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है जिसमें थायरॉयड ग्रंथि पर इम्यून सिस्टम का अटैक होता है. थायरॉयड, एक छोटी तितली के आकार की ग्रंथि होती है, जो मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल और अन्य महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को कंट्रोल करती है. समय के साथ, इस ग्रंथि में सूजन और डैमेज होने से इसका काम धीमा पड़ जाता है, जिससे हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है और थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन घट जाता है |
अर्जुन कपूर का कहना है कि इस बीमारी का सटीक कारण तो अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन जेनेटिक, पर्यावरणीय और वायरल संक्रमण इसके फैक्टर हो सकते हैं |
क्या है इस बीमारी इलाज?
हैशिमोटो थायरॉयडिटिस का कोई पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है. थायरॉयड हार्मोन की कमी को पूरा करने के लिए सिंथेटिक हार्मोन रिप्लेसमेंट दवा का सेवन किया जाता है. यह दवा शरीर में एनर्जी की कमी, वजन बढ़ने और ठंड की सेंसिटिविटी जैसी समस्याओं को कंट्रोल करने में मदद करती है |
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