सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : सदस्य, एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया एवं अध्यक्ष, पशुवध गृह समिति एवं मत्स्य पशुपालन व डेयरी विभाग भारत सरकार राम रघुवंशी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कलेक्टर कौशलेंद्र‍ विक्रम सिंह, जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह, आईपीएस प्रमोद कुमार सिन्हा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में बताया गया कि भोपाल जिले में कुल 21 शासकीय गौशालाएं एवं 20 अशासकीय या एनजीओ द्वारा संचालित गौशालाओं का सुचारू से संचालन किया जा रहा है जिसमें लगभग 5 हजार से अधिक गौवंश हैं। बैठक में सदस्य राम रधुवंशी ने कहा कि भोपाल की सभी गौशालाओं को सामाजिक संस्थाओं से जोड़कर देश में एक मॉडल स्थापित किया जा सकता है। गौ-सेवा भगवान की परम स्तुति है इसके माध्यम से समाज के प्रतिष्ठित एवं गो-प्रेमी, गो-सेवक गो-सेवा अपना अमूल्य योगदान दे सकते है एवं गोवंश की बेहतर देख-रेख हो सकती है।
गौशाला के संचालन के लिए तीन महत्वपूर्ण घटकों पर काम किया जाता है जिसमें पानी, भूसा की उपलब्धता एवं मानव प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था से गौशाला का संचालन बेहतरीन ढंग से किया जा सकता है। गौशालाओं में पानी की उपलब्धता के लिए सभी गौशालाओं को जल जीवन मिशन से जोड़ा जाए। मानव प्रबंधन के लिए गोसेवक, गोप्रेमी अपना योगदान दे सकते है एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चरनोई भूमि पर खेती करने वाले किसान फसल का स्वयं उपयोग करें और संपूर्ण भूसा गौशालाओं को दान दें। सभी गौशालाओं में मृत गायों के शास्त्रानुसार दाह संस्कार के लिए गौ समाधि स्थल बनाए यह मॉडल देश का सबसे बेहरतीन मॉडल होगा जिसमें मृत गायों को सम्मानपूर्वक दफनाया जाएगा।
भोपाल जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के गौवंश एवं गौशालाओं के गौवंश की अलग-अलग चिन्हांकन के लिए पशु गणना के समय कलर कोडिंग का उपयोग किया जाए जिससे गौशालाओं की गायों के सिंग अलग रंग से एवं गौपालकों की गायों के सिंग अलग रंग से रंगे जाए। गाय की सेवा निर्मल मन से की जाती है, गौशाला का संचालन तपस्या हैं शास्त्र में गाय को मॉ स्वरूप दिया गया है इसलिए सभी गौपालकों से अनुरोध है कि अपनी वृद्ध गायों को बेसहारा रोड़ पर मत छोड़ों, वृद्ध माता-पिता के समान उनकी भी सेवा करें। बैठक में पुलिस आयुक्त भोपाल शहर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भोपाल, आयुक्त नगर पालिक निगम, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, वनमण्डलाअधिकारी वन मण्डल, उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग, सहायक श्रमायुक्त, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, अशासकीय गौशालाओं के संचालक, पशु प्रेमी, एनजीओ के अधिकारी उपस्थित थे।

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