सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स में 20वें अखिल भारतीय आपातकालीन चिकित्सा सम्मेलन (ईएमइंडिया-24) का भव्य समापन हुआ। पांच दिन चले इस सम्मलेन के अंतिम दिन एक बेसिक लाइफ सपोर्ट और सीपीआर कोर्स का उद्घाटन मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने किया। इस अवसर पर सांसद आलोक शर्मा भी उपस्थित थे। माननीय राज्यपाल, मंगू भाई पटेल ने कहा कि आपातकालीन चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा का एक ऐसा क्षेत्र है, जो हर पल चुनौती पूर्ण होता है, चाहे वह दुर्घटनाएं हो प्राकृतिक आपदाएं हो या फिर अन्य आपातकालीन स्थितियां। इन सभी में त्वरित और सटीक चिकित्सा सेवा प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है।
इस क्षेत्र में नवीनतम तकनीक और प्रोटोकॉल का उपयोग करके हम कई जीवन बचा सकते हैं और मरीजों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि एम्स के कार्यपालक डॉ अजय सिंह के नेतृत्व में एम्स न केवल मध्य प्रदेश बल्कि अन्य प्रदेश के लोगों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है।
इससे पूर्व भोपाल के सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में दुर्घटना कभी भी घट सकती है। ऐसे में बेसिक लाइफ सपोर्ट की जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है और इस प्रयास के लिए एम्स भोपाल को बहुत – बहुत बधाई। एम्स के डॉ अजय सिंह का समर्पण और लोगों के स्वास्थ्य के लिए उनकी काम करने की भावना निश्चित ही सराहनीय है। श्री शर्मा ने कहा कि उन्होंने एम्स 7 में ट्रॉमा सेंटर की स्थापना और भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर को एम्स में मर्ज करने के लिए प्रस्ताव केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री को दिया है और आशा करते हैं कि जल्दी ही इस पर काम होगा। इसके अलावा एम्स में एक कैंसर अनुसंधान केंद्र भी शुरू किया जाए जिससे लोगों का बेहतर इलाज किया जा सकेगा ।
इससे पूर्व उपस्थिति का स्वागत करते हुए एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह ने बताया कि इस ईएमइंडिया-24 सम्मलेन में 750 से भी ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। जिसमें न केवल देश से बल्कि विदेश से भी विशेषज्ञों ने भाग लिया। राज्यपाल महोदय का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आपके सहयोग और मार्गदर्शन से एम्स भोपाल आगे बढ़ रहा है। प्रोफेसर सिंह ने वन स्टेट वन हेल्थ पॉलिसी की चर्चा करते हुए कहा कि इसके लागू होने से मध्य प्रदेश, स्वस्थ प्रदेश बनकर देश में पहला ऐसा राज्य बनेगा जो वन स्टेट वन हेल्थ की पॉलिसी को लागू करेगा। आने वाले दिनों में 150 बिस्तरों का ट्रॉमा और क्रिटिकल केयर यूनिट बनकर तैयार हो जाएगी। पिछले 2 सालों में एम्स में मरीजों का भरोसा काफी बढ़ा है, जिसका परिणाम है कि यहां की ओपीडी में हर रोज 5600 से भी ज्यादा मरीज इलाज करवाने आते हैं।
एम्स भोपाल के अध्यक्ष डॉ सुनील मलिक ने कहा कि इंसान के जीवन से बढ़कर कुछ भी नहीं हो सकता। सही समय पर बेसिक लाइफ सपोर्ट देकर इंसान के जीवन को बचाया जा सकता है। यह जरूरी है कि हर व्यक्ति बीएलएस में पारंगत हो और इसके लिए एक जन जागरण अभियान की आवश्यकता है।
ट्रॉमा एवं इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्टर यूनुस ने सर्टिफाइड बेसिक लाइफ सपोर्ट और सीपीआर कोर्स के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसमें ढाई सौ से भी अधिक लोगों को जीवन रक्षक तरीकों को सिखाया जाएगा और यह हमारी सामाजिक जिम्मेदारी भी बनती है। इन जीवन रक्षक बातों को सीख कर लोग समुदाय में जाकर और लोगों को भी सिखा सकेंगे। सुबह साढ़े सात बजे भोपाल बाइसिकल राइडर्स ग्रुप के सहयोग से एक साइकिल रैली का भी आयोजन किया गया। इंडसैम के सीईओ डॉ. सागर सी. गलवणकर ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। डॉक्टर सागर ने कहा कि हमें अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए इस तरह की गतिविधियां करते रहना चाहिए। इससे न केवल हमारा स्वास्थ्य बेहतर होता है बल्कि लोगों में एक जागरूकता भी आती है। रैली में लगभग 300 साइकिलिस्ट ने हिस्सा लिया। 14 किलोमीटर लंबी इस साइकिल रैली के द्वारा लोगों को इंजरी से बचने के लिए जागरूक किया गया। साथ ही आपातकालीन स्थिति में मरीज की किस प्रकार से सहायता करें ताकि उसका जीवन बचाया जा सके। इसके अलावा दिनभर इमरजेंसी मेडिसिन से संबंधित विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गई, जिसमें 8 मेडिकल कॉलेज के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।