सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान ने अकादमिक उत्कृष्टता, नवाचार और साझाकरण की संस्कृति को बढ़ावा दिया है। इसी कड़ी में, एम्स नागपुर में आयोजित नेशनल एसोसिएशन ऑफ फार्माकोलॉजी एंड थैरेप्यूटिक्स (एनएपीटी) के तीसरे वार्षिक सम्मेलन में एम्स भोपाल के फार्माकोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष बालाकृष्णन एस ने “फार्माकोविजिलेंस में सिग्नल डिटेक्शन के उभरते रुझान” पर एक महत्वपूर्ण सत्र प्रस्तुत किया।
निदेशक सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा: “फार्माकोविजिलेंस का क्षेत्र मरीजों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सिग्नल डिटेक्शन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग क्रांतिकारी कदम है, जो न केवल प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं (एडीआर) की पहचान के समय को कम करेगा, बल्कि समग्र प्रिस्क्राइबिंग प्रथाओं को भी बेहतर बनाएगा।”
निदेशक बालाकृष्णन ने सिग्नल डिटेक्शन की नवीनतम विधियों पर चर्चा की, जो प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं (एडीआर) की पहचान में सहायक हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सिग्नल डिटेक्शन प्रक्रिया में एआई के उपयोग से समय में काफी बचत हो सकती है, जिससे त्वरित प्रतिक्रिया और सुरक्षित प्रिस्क्राइबिंग प्रथाओं, रोगियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य परिणाम सुनिश्चित करेंगे।
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