सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान में विश्व कुष्ठ दिवस के अवसर पर जागरूकता फैलाने, कुष्ठ रोग से जुड़े सामाजिक मिथकों को दूर करने और इस रोग से प्रभावित लोगों के साहस व संघर्ष का सम्मान करने के लिए विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।


इन कार्यक्रमों का उद्देश्य न केवल चिकित्सा जगत में कुष्ठ रोग के बारे में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करना था, बल्कि समाज में इस बीमारी से संबंधित गलत धारणाओं को दूर कर लोगों में सहानुभूति व संवेदनशीलता को बढ़ावा देना भी था। इसके अलावा, 1 फरवरी को सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) के तहत पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के लिए कुष्ठ रोग पर विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। इस सत्र में विशेषज्ञों द्वारा इस बीमारी के विभिन्न पहलुओं, नए उपचार विकल्पों और रोग प्रबंधन के उन्नत तरीकों पर चर्चा की जाएगी, ताकि भावी चिकित्सकों को इस चुनौतीपूर्ण रोग से निपटने के लिए बेहतर रूप से तैयार किया जा सके।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रो. सिंह ने कहा, “विश्व कुष्ठ दिवस केवल आत्मचिंतन का दिन नहीं है, बल्कि यह एक कार्य योजना बनाने का भी अवसर है। यह दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है जब हम कुष्ठ रोग के प्रति समाज में व्याप्त पूर्वाग्रहों को समाप्त करने और इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के अपने संकल्प को दोहराते हैं। एम्स भोपाल वैज्ञानिक चर्चा और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से सहानुभूति, संवेदनशीलता और सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयास कर रहा है। हमारा उद्देश्य केवल रोग प्रबंधन तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को समावेशी और जागरूक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।” निदेशक जेरीन मैथ्यूज इस कार्यक्रम की आयोजन अध्यक्ष थीं, और निदेशक मनीष खंडारे आयोजन सचिव थे।

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