सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के नेतृत्व में, संस्थान ने मध्य प्रदेश में सरकारी क्षेत्र का पहला ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन (टीएवीआई) सफलतापूर्वक कर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। यह ऐतिहासिक प्रक्रिया एम्स भोपाल के कार्डियोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर और स्ट्रक्चरल हार्ट प्रोग्राम के प्रभारी भूषण शाह द्वारा तथा कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग के प्रमुख योगेश निवारिया के सहयोग से की गई। यह उपलब्धि आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्गों के लिए उन्नत हृदय देखभाल सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
टीएवीआई एक न्यूनतम इनवेसिव हृदय वाल्व प्रतिस्थापन तकनीक है, जो उच्च जोखिम वाले रोगियों के लिए ओपन-हार्ट सर्जरी का विकल्प है। इस प्रक्रिया में, पैर की धमनी के माध्यम से एक कृत्रिम हृदय वाल्व को हृदय तक पहुंचाया जाता है और इसे प्रभावित वाल्व के स्थान पर प्रत्यारोपित किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान चीरा लगाने, सामान्य एनेस्थीसिया देने या वेंटिलेटर का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे मरीज की जल्दी रिकवरी संभव हो पाती है और उसे अस्पताल से शीघ्र छुट्टी मिल सकती है।
मरीज़, एक 70 वर्षीय व्यक्ति पिछले 6 से 8 महीनों से गंभीर सांस फूलने की समस्या से ग्रसित थे। जांच में पाया गया कि उनकी एओर्टिक वाल्व अत्यधिक संकुचित हो चुकी थी, जिससे शरीर के अंगों तक रक्त प्रवाह बाधित हो रहा था। मरीज की शारीरिक दुर्बलता और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग डिजीज (COPD) के कारण ओपन-हार्ट सर्जरी उनके लिए जोखिम भरी मानी गई। ऐसे में स्पेशलाइज्ड हार्ट टीम ने टीएवीआई प्रक्रिया को सबसे उपयुक्त उपचार के रूप में चुना। यह जटिल प्रक्रिया मल्टीडिसिप्लिनरी टीम द्वारा की गई, जिसमें कार्डियोलॉजिस्ट भूषण शाह, सुदेश प्रजापति और आशीष जैन; कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन योगेश निवारिया और विक्रम वट्टी; तथा एनेस्थीसिया टीम के वैशाली वेंडेसकर, हरीश कुमार और एसआरएएन भूषणम पडाला शामिल थे। कैथ लैब तकनीशियनों और नर्सिंग स्टाफ की समर्पित सेवाओं के कारण इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया। मरीज की स्थिति स्थिर है और जल्द ही उन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रो. अजय सिंह ने कहा: “मध्य प्रदेश में सरकारी क्षेत्र का पहला टीएवीआई सफलतापूर्वक करना, उन मरीजों को अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। हमारा उद्देश्य उन्नत तकनीकों को अपनाकर सभी के लिए किफायती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है। मैं इस उपलब्धि के लिए हमारी समर्पित टीम को उनकी उत्कृष्ट सेवा और प्रतिबद्धता के लिए हार्दिक बधाई देता हूं।” यह टीएवीआई प्रक्रिया एम्स भोपाल को इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी में एक प्रमुख संस्थान के रूप में स्थापित करती है और विश्व स्तरीय हृदय देखभाल प्रदान करने की इसकी प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ करती है। यह उपलब्धि उन मरीजों के लिए आशा की किरण बनकर आई है, जो उन्नत चिकित्सा उपचार तक पहुंच प्राप्त करने में असमर्थ हो सकते थे।
#एम्सभोपाल #टीएवीआई #हृदयरोग #स्वास्थ्य #मेडिकलन्यूज #सरकारीअस्पताल #भारतकीप्रगति