सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देशों और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेशानुसार एम्स भोपाल में सतर्कता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह ने संस्थान में सतर्कता और ईमानदारी की संस्कृति को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता पर कहा, “सतर्कता जागरूकता अभियान हमारे कार्य के सभी पहलुओं में नैतिक प्रथाओं की आवश्यकता की याद दिलाने का एक महत्वपूर्ण मंच है। एम्स भोपाल में, हम पारदर्शिता और जवाबदेही के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए समर्पित हैं। यह कार्यक्रम हमारे कर्मचारियों को आचरण नियम और खरीद की सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में शिक्षित करता है और भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।”
कार्यक्रम के दौरान दो महत्वपूर्ण व्याख्यान आयोजित किए गए। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान के निदेशक राजेश कुमार गुप्ता ने ‘आचरण नियम’ पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने सभी कर्मचारियों के लिए नैतिक दिशा-निर्देशों और आचरण मानकों के पालन के महत्व पर जोर दिया। इसके अलावा म.प्र. में जेम प्रशिक्षण के लिए राज्य प्रबंधक मुज़म्मिल कुरैशी ने ‘GeM (गवर्नमेंट ई- मार्केटप्लेस) के माध्यम से खरीद’ पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने सरकारी खरीद में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए GeM प्लेटफार्म के उपयोग के लाभों की चर्चा की।
उप निदेशक (प्रशासन) अजीत कुमार ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सतर्कता की आवश्यकता और जागरूकता कार्यक्रमों की भूमिका को बताते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम अनुपालन और सुशासन को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा, “ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम अपने कर्मचारियों में जिम्मेदारी की भावना जागृत करना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सुशासन के सिद्धांतों का हर कार्य में पालन हो।”
कार्यक्रम का समापन एक इंटरएक्टिव सत्र के साथ हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने वक्ताओं के साथ सतर्कता, नैतिक आचरण और खरीद प्रक्रियाओं के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। एम्स भोपाल केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा निर्धारित सिद्धांतों के अनुरूप सुशासन और नैतिक प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्यक्रम सतर्कता जागरूकता अभियान 15 नवंबर 2024 के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में फैकल्टी सदस्य, नर्सिंग स्टाफ, अधिकारी और अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य संस्थान में नैतिक व्यवहार, पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देना था।
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