सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में ‘एक राज्य, एक स्वास्थ्य नीति’ की दिशा में क्लीनिकल प्रैक्टिस में प्रमाण-आधारित चिकित्सा पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
Saaransh’ Program at AIIMS Bhopal: Workshop on One State, One Health Policyप्रमाण-आधारित चिकित्सा के महत्व पर जोर देते हुए प्रो. सिंह ने कहा, “प्रमाण-आधारित चिकित्सा सटीक निर्णय लेने में सहायक है, जो बेहतर रोगी परिणामों के लिए आवश्यक है। यह कार्यशाला हमारे स्वास्थ्य क्षेत्र को सशक्त बनाने और अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने आगे कहा, “हमारा उद्देश्य है कि ‘एक राज्य, एक स्वास्थ्य नीति’ के तहत सभी नागरिकों को प्रमाण-आधारित उपचार मिले, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में समानता आए और पूरे राज्य में एक समान उच्च मानक की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली स्थापित हो। यह नीति राज्य में स्वास्थ्य देखभाल को मानकीकृत करने और प्रमाण-आधारित चिकित्सीय निर्णयों के माध्यम से रोगियों को बेहतर उपचार प्रदान करने का प्रयास है।”
यह कार्यशाला ‘सारांश’ कार्यक्रम के तहत 16 नवंबर 2024 तक चलने वाली पांच दिवसीय ‘सिस्टमेटिक रिव्यू और मेटा-एनालिसिस’ कार्यशाला का हिस्सा थी। इसमें विभिन्न राज्यों और चिकित्सा क्षेत्रों के प्रतिभागी शामिल हुए, जिन्हें सिस्टमेटिक रिव्यू और मेटा-एनालिसिस के व्यावहारिक कौशल प्राप्त करने का अवसर मिला। ये कौशल प्रमाण-आधारित अनुसंधान पद्धतियों को सशक्त करने और स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं और परिणामों में सुधार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। कार्यशाला का संचालन स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, एम्स भोपाल, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर और किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ के विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है। यह कार्यशाला पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों और आधुनिक चिकित्सा के समन्वय के लाभों पर भी ध्यान केंद्रित करेगी, जिससे एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल मॉडल को बढ़ावा मिलेगा।
निदेशक सिंह ने स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता में सुधार के लिए मानकीकरण पर जोर देते हुए कहा, “प्रमाण-आधारित चिकित्सा, पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और आधुनिक चिकित्सा का समन्वय, स्वास्थ्य देखभाल में सुधार के लिए आवश्यक है। राज्य में उपचार का मानकीकरण सुनिश्चित करेगा कि सभी को समान उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हों, जिससे हमारा स्वास्थ्य देखभाल तंत्र और अधिक मजबूत एवं समान बने।”

#एम्सभोपाल #सारांश #स्वास्थ्यनीति #प्रमाणआधारितचिकित्स