सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह संकाय सदस्यों और छात्रों के बीच अकादमिक उत्कृष्टता और ज्ञान-साझाकरण की संस्कृति को सदैव बढ़ावा देते रहते हैं।

हाल ही में, एम्स भोपाल के पीडियाट्रिक्स विभाग के प्रोफेसर महेश महेश्वरी ने “लड़कियों में प्रारंभिक (असामान्य) किशोरावस्था – एक बढ़ती हुई चिंता” विषय पर 55वें वार्षिक राज्य सम्मेलन एमपीपेडिकॉन, जो मध्य प्रदेश इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (एमपीआईएपी) द्वारा आयोजित किया गया था, में मुख्य वक्ता के रूप में अपना व्याख्यान दिया। अपने व्याख्यान में, उन्होंने लड़कियों में 8 वर्ष की सामान्य आयु से पहले किशोरावस्था की बढ़ती प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला।

जेएएमए में प्रकाशित हालिया सिस्टमेटिक रिव्यू और मेटा-विश्लेषण के निष्कर्षों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि हर दशक में किशोरावस्था शुरू होने की आयु में तीन महीने की कमी हो रही है। डॉ. महेश्वरी ने यह भी बताया कि तनाव, अपर्याप्त नींद, मोबाइल का अत्यधिक उपयोग, जंक फूड का सेवन और मोटापा जैसी जीवनशैली की आदतें इस समस्या को बढ़ा रही हैं। इस सम्मेलन में प्रो. महेश माहेश्वरी को प्रतिष्ठित प्रो. के.के. कौल स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया, जो प्रो. के.के. कौल और पद्मश्री पुखराज बाफना द्वारा प्रदान किया गया। साथ ही उन्हें इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, मध्य प्रदेश चैप्टर (एमपीआईएपी) का अध्यक्ष भी चुना गया। इसके अतिरिक्त हर्षिता एस. ने एसआर/फैकल्टी पुरस्कार प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीता, जबकि पूजा फुलगिरकर ने पोस्टर प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया।
प्रो. सिंह ने डॉ. महेश्वरी को उनकी उपलब्धियों पर बधाई देते हुए कहा, महेश महेश्वरी की उपलब्धियां एम्स भोपाल की स्वास्थ्य सेवा और शैक्षणिक उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। बाल एंडोक्रिनोलॉजी और बाल स्वास्थ्य में उनके योगदान सराहनीय हैं। मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में एमपीआईएपी बाल चिकित्सा देखभाल के स्तर को मध्य प्रदेश में और ऊंचा उठाएगा।” पीडियाट्रिक्स विभाग की प्रमुख शिखा मलिक ने भी अपनी शुभकामनाएं दीं और महेश्वरी को टाइप 1 डायबिटीज मेलिटस और अन्य बाल एंडोक्राइन विकारों से पीड़ित बच्चों की देखभाल को और बेहतर बनाने के लिए प्रेरित किया।

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