सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में फार्माकोलॉजी विभाग ने कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के सहयोग से बकानिया (भोपाल) स्थित आंगनवाड़ी केंद्र में फार्माकोविजिलेंस और क्षय रोग (टीबी) की डॉट थेरेपी के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु एक जागरूकता अभियान आयोजित किया।


इस कार्यक्रम का उद्देश्य समुदाय को यह समझाना था कि फार्माकोविजिलेंस, यानी औषधियों के दुष्प्रभावों की निगरानी, दवाओं के सुरक्षित और प्रभावी उपयोग के लिए अत्यंत आवश्यक है। साथ ही, इस अभियान के माध्यम से टीबी के मरीजों को डॉट (Directly Observed Treatment) थेरेपी का पूरा कोर्स करने के लिए प्रेरित किया गया और उनके संदेहों का समाधान भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान संवादात्मक सत्रों और सहभागिता आधारित चर्चाओं के जरिए यह बताया गया कि दवाओं के दुष्प्रभावों की जानकारी देना क्यों जरूरी है और टीबी की दवाएं समय पर तथा पूरी तरह से लेना कितना महत्वपूर्ण है। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि डॉट थेरेपी का पालन न केवल मरीज के पूरी तरह ठीक होने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह दवा-प्रतिरोधी टीबी को रोकने, बीमारी के फैलाव को कम करने और समग्र जनस्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाता है।
इस अवसर पर प्रो. अजय सिंह ने कहा, “ऐसे जागरूकता अभियान स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होते है। फार्माकोविजिलेंस और टीबी उपचार के प्रति सही जानकारी और सतर्कता ही स्वस्थ समाज की आधारशिला हैं। जब हम समुदाय को दवाओं के सही उपयोग तथा निगरानी की समझ देते हैं, तभी हम बीमारियों को प्रभावी ढंग से रोक सकते हैं और जनस्वास्थ्य को सुदृढ़ बना सकते हैं।”

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