सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल और पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट के बीच एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और प्राचीन आयुर्वेदिक ज्ञान के समन्वय से स्वास्थ्य अनुसंधान, शिक्षा और नवाचार को नई दिशा देगा। यह पहल एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में भारतीय चिकित्सा पद्धति को वैज्ञानिक आधार पर स्थापित करने के उद्देश्य से की गई है।
समझौते के अंतर्गत फैटी लिवर, एलर्जी, यकृत विकार, जीवनशैली संबंधी रोग, श्वसन तंत्र, गुर्दा और न्यूरोलॉजिकल विकारों पर संयुक्त अनुसंधान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पतंजलि द्वारा विकसित साक्ष्य-आधारित आयुर्वेदिक औषधियों — लिवोग्रिट और ब्रोंकोम — के क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल्स पर भी गहन विमर्श हुआ।
इस अवसर पर पतंजलि की ओर से प्रधान वैज्ञानिक अनुराग वार्ष्णेय उपस्थित रहे। उन्होंने इसे स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की प्रेरणा से आयुर्वेद को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
प्रो. अजय सिंह ने कहा कि यह समझौता समग्र, सुलभ और प्रभावी स्वास्थ्य समाधान प्रदान करने की दिशा में एक नई शुरुआत है। साथ ही एम्स परिसर में प्रदेश का सबसे बड़ा हर्बल गार्डन स्थापित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में डीन (रिसर्च) रेहान-उल-हक, डीन (अकादमिक) रजनीश जोशी, अशोक कुमार सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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