सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में, ईएनटी विभाग मध्य प्रदेश के ईएनटी विशेषज्ञों और ऑडियोलॉजिस्टों के लिए एक ओरिएंटेशन और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। यह पहल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य नवजात शिशुओं की श्रवण जांच को ब्रेनस्टेम इवोक्ड रिस्पॉन्स ऑडियोमेट्री (बीईआरए) जैसी उन्नत ऑडियोलॉजिकल परीक्षणों के माध्यम से सुगम बनाना है।
यह चार दिवसीय कार्यक्रम 31 जनवरी, 2025 तक एम्स भोपाल में आयोजित किया जाएगा, जिसमें मध्य प्रदेश के 51 जिलों के 140 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य स्वास्थ्य पेशेवरों को नवजात शिशुओं की श्रवण जांच करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना है, जिससे श्रवण हानि का समय पर निदान और प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके।
प्रोफेसर सिंह ने इस कार्यक्रम के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “यह प्रशिक्षण राज्य में क्षमता निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो रोगी देखभाल को समुदाय के करीब लाने का काम करेगा। नवजात शिशुओं में श्रवण हानि का समय पर पता लगाना, समय पर हस्तक्षेप के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार ला सकता है। मुझे विश्वास है कि यह पहल मध्य प्रदेश में नवजात श्रवण जांच सेवाओं को शुरू करने में मदद करेगी और निदान एवं प्रबंधन में होने वाली देरी को कम करेगी।” प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्याख्यान, लाइव प्रदर्शन, केस-आधारित चर्चा और इंटरएक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र जैसे व्यापक पाठ्यक्रम शामिल हैं। प्रतिभागियों के पहले बैच ने इस कार्यक्रम की व्यावहारिक दृष्टिकोण और प्रासंगिकता की सराहना की है।
ईएनटी विभाग की प्रमुख, प्रोफेसर अपर्णा चव्हाण ने इस पहल की विशिष्टता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हालांकि हमारा विभाग नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है, लेकिन यह पहली बार है जब हम नवजात श्रवण जांच को लेकर इतना केंद्रित और बड़े पैमाने पर प्रयास कर रहे हैं।” कार्यक्रम के संयोजक विकास गुप्ता ने शीघ्र निदान के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “नवजात शिशुओं और बच्चों में श्रवण हानि के निदान में देरी उनके पुनर्वास को प्रभावित कर सकती है और सरकारी योजनाओं तक उनकी पहुँच को सीमित कर सकती है।” यह कार्यक्रम अंजन के. साहू, गणकल्याण बेहरा, शैला सिदाम, उत्कल पी. मिश्रा और ऑडियोलॉजिस्ट स्पीच-लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट सनी खुराना, अमन यादव, निशांत और मुस्कान सहित विभाग के प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
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