सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान ने बाल संक्रामक रोगों और उनके प्रबंधन पर सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) सत्र का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सा प्रोफेशनल्स के बीच ज्ञान साझा करना और रोगी देखभाल को उन्नत करना था। इस सीएमई में प्रतिष्ठित चिकित्सा विशेषज्ञों, वरिष्ठ शिक्षकों और स्वास्थ्य सेवा प्रोफेशनल्स ने हिस्सा लिया।


इस कार्यक्रम में प्रमुख वक्ताओं में निदेशक संजय घोरपड़े (अध्यक्ष-निर्वाचित, PIDA, मुंबई), चेतन त्रिवेदी (सचिव, PIDA, अहमदाबाद), और के.के. अरोड़ा (इंदौर) शामिल थे, जो संक्रामक रोग सोसायटी के वरिष्ठ सदस्य और प्रमुख विशेषज्ञ हैं। इनके विचारों और चर्चाओं ने इस क्षेत्र में नवीनतम अपडेट और दृष्टिकोण प्रदान किए। आईएपी भोपाल और एमपीआईएपी के प्रमुख सदस्य भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जिनमें महेश महेश्वरी (अध्यक्ष, MPIAP), दिनेश मेकले (सचिव, MPIAP), सुनीता लखवानी (अध्यक्ष, IAP भोपाल), डॉ. गुफरान अहमद (अध्यक्ष-निर्वाचित, IAP भोपाल), और अंबर कुमार (सचिव, IAP भोपाल एवं इस सीएमई के आयोजन सचिव) शामिल थे।
उनकी उपस्थिति और विशेषज्ञता ने इस अकादमिक चर्चा को और अधिक समृद्ध बनाया। अन्य प्रमुख वक्ताओं में गिरीश भट्ट, नरेंद्र चौधरी, राजेश टिक्कस, राजेश गुप्ता, राकेश सुकेजा, ललीश झावर, पंकज पाल, श्वेता आनंद, महेंद्र जैन, और पूर्वा गोहिया शामिल थे। इनकी बहुमूल्य भागीदारी ने इस सत्र को अत्यंत उपयोगी बनाया। यह कार्यक्रम शिखा मलिक, बाल रोग विभाग की प्रमुख और आयोजन अध्यक्ष, के नेतृत्व में आयोजित किया गया, जिनका अटूट समर्थन और नेतृत्व सीएमई के सफल क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण था। सत्र में प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि बाल संक्रामक रोगों की सतत चिकित्सा शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण होती जा रही है।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रो. अजय सिंह ने कहा: “सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम हमारे चिकित्सा पेशेवरों को नवीनतम चिकित्सा विज्ञान से अपडेट रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बाल संक्रामक रोग एक गंभीर चिंता का विषय हैं, और प्रमुख विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि चिकित्सा जगत नवीनतम ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं से लैस हो। एम्स भोपाल अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और भविष्य में भी इस तरह के ज्ञान-साझा करने वाले मंचों के आयोजन के लिए प्रतिबद्ध है।”

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