सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में, संस्थान निरंतर चिकित्सा अनुसंधान में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर रहा है। हाल ही में, एम्स भोपाल की शरीर रचना विभाग की प्रोफेसर सुनीता अठावले को हाल ही में उनके द्वारा विकसित किए गए हैंडहेल्ड इलेक्ट्रिकली पावर्ड फैशिया डिसेक्शन डिवाइस के लिए पेटेंट प्रदान किया गया है।
यह उपकरण मुख्य रूप से मेडिकल छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए बनाया गया है, जो संरक्षित शरीरों पर अध्ययन करते हैं। जब शरीर को रसायनों से संरक्षित किया जाता है, तो उनके ऊतक (टिशू) सख्त हो जाते हैं, जिससे उन्हें काटना और अध्ययन करना मुश्किल हो जाता है। यह उपकरण इस समस्या को हल करने में मदद करता है और शरीर के अंगों व संरचनाओं को अधिक स्पष्ट रूप से देखने में सहायता करता है। इस डिवाइस में एक वेरिएबल-स्पीड मोटर लगी है, जिसकी गति को जरूरत के अनुसार कम या ज्यादा किया जा सकता है, जिससे फैशिया (एक पतली झिल्ली जो मांसपेशियों और अंगों को ढकती है) को आसानी से और सटीक रूप से हटाया जा सकता है।
इसके अलावा, इसमें एक नवीन प्रॉन्ग सिस्टम शामिल है, जो शरीर के ऊतकों को बेहतर तरीके से पकड़ने और हटाने में मदद करता है, जिससे शारीरिक संरचनाओं को अधिक स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इस उपकरण का एर्गोनोमिक डिज़ाइन इसे पकड़ने और लंबे समय तक उपयोग करने के लिए आरामदायक बनाता है, जिससे हाथों में थकान कम होती है। इस डिवाइस का पेटेंट प्राप्त होना भारत में चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
निदेशक सिंह ने इस उपलब्धि पर गर्व जताते हुए कहा, “यह पेटेंट एम्स भोपाल की नवाचार और उत्कृष्टता को दर्शाता है। हैंडहेल्ड इलेक्ट्रिकली पावर्ड फैशिया डिसेक्शन डिवाइस एक उन्नत उपकरण है, जो शैक्षणिक और चिकित्सा क्षेत्र को शारीरिक विच्छेदन से जुड़ी दीर्घकालिक चुनौतियों के लिए एक व्यावहारिक समाधान प्रदान करेगा।”

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