सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में एम्स भोपाल ने रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस के साथ शैक्षणिक सहयोग में “खुशी का विज्ञान: स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए व्यावहारिक उपकरण” विषय पर दो दिवसीय फैकल्टी विकास कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम विश्व खुशी दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत पेशेवरों को खुशी और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के व्यावहारिक तरीकों से परिचित कराना था, जिससे वे न केवल अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में संतुलन बना सकें, बल्कि मरीजों की देखभाल में भी सकारात्मक योगदान दे सकें।
इस अवसर पर प्रो. सिंह ने कहा, “खुशी एक विज्ञान है, जिसे समझना और अभ्यास करना आवश्यक है। चिकित्सा पेशेवर अपने कार्य की मांग, लंबे समय तक काम करने के घंटे और कठिन पाठ्यक्रम के कारण अत्यधिक तनाव का अनुभव करते हैं। सकारात्मक मनोविज्ञान के माध्यम से भावनात्मक कल्याण को प्रोत्साहित करना लचीलापन, आशावाद और समग्र कल्याण को बढ़ावा दे सकता है। खुशी को बढ़ावा देकर, हम व्यक्तिगत और पेशेवर विकास दोनों सुनिश्चित कर सकते हैं। एम्स भोपाल का सेंटर ऑफ हैप्पीनेस, मरीजों, देखभालकर्ताओं, छात्रों, कर्मचारियों और संकाय सदस्यों के कल्याण का समर्थन करने के मिशन के साथ स्थापित किया गया है।” इस कार्यक्रम में रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस के प्रमुख विशेषज्ञ ए. श्रीहरि कृष्णा और रितु शर्मा ने सत्रों का संचालन किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य खुशी के विज्ञान में व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान करना था, जिसमें प्रतिभागियों को तनाव प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार और सकारात्मक भावनाओं को विकसित करने के साक्ष्य-आधारित उपकरण और तकनीकें सिखाई गईं। दो दिनों तक चले इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने इंटरैक्टिव सत्रों, अनुभवात्मक गतिविधियों और समूह चर्चाओं में भाग लिया, जिसमें माइंडफुलनेस, भावनात्मक लचीलापन और आत्म-जागरूकता को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया। प्रतिभागियों ने इस पहल की सराहना की और इसे स्वास्थ्य सेवा समुदाय में मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने में सहायक बताया।
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