सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के नेतृत्व में संस्थान निरंतर अकादमिक उत्कृष्टता और नवाचार के नए आयाम स्थापित कर रहा है। इसी क्रम में, सद्गुरु ग्रुप एवं ऑल इंडिया ऑप्थैल्मोलॉजिकल सोसायटी द्वारा भगवान श्रीराम की पावन भूमि चित्रकूट में आयोजित “एक्यूटी – ए कॉन्फ्लूएंस ऑफ आइडियाज, सदगुरु कॉन्क्लेव – 2025″ में एम्स भोपाल के फैकल्टी एवं रेजिडेंट डॉक्टरों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया।
इस कार्यक्रम में द्वितीय वर्ष के अकादमिक जूनियर रेजिडेंट्स प्रत्युष एवं एस्थर ने पेपर/पोस्टर प्रतियोगिता सत्र में रनर-अप का स्थान प्राप्त किया। उनके शोध विषय—”प्रीसेनाइल मोतियाबिंद की व्यापकता, प्रकार एवं कारण बनने वाले जोखिम कारक” और “द टेल ऑफ डिसप्लेस्ड आईबॉल”—ने चिकित्सा शोध के क्षेत्र में उनकी गंभीरता एवं गहन अध्ययन क्षमता को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया। उन्हें यह सम्मान दो पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त वरिष्ठ नेत्र चिकित्सकों एवं अन्य प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के कर-कमलों से प्रदान किया गया, जो उनके लिए अत्यंत प्रेरणादायक क्षण रहा। इसी अवसर पर, एम्स भोपाल की नेत्र रोग विभागाध्यक्ष भावना शर्मा को कॉर्निया एवं मोतियाबिंद के क्षेत्र में उनके वर्षों के विशिष्ट कार्य के लिए “सद्गुरु सेवा मेडल” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें सद्गुरु ग्रुप द्वारा प्रदान किया गया, जो स्वयं में एक गौरवपूर्ण मान्यता है तथा चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान को रेखांकित करता है।
इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रो. अजय सिंह ने कहा, “ये उपलब्धियाँ एम्स भोपाल की अकादमिक गुणवत्ता, शोध के प्रति प्रतिबद्धता एवं मरीज-केन्द्रित दृष्टिकोण का प्रमाण हैं। हमारे रेजिडेंट डॉक्टरों और फैकल्टी को राष्ट्रीय मंच पर इस प्रकार की मान्यता मिलना न केवल संस्थान के लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय व आम जनता के लिए भी प्रेरणास्पद है।”
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