सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के मार्गदर्शन में पैथोलॉजी एवं लैब मेडिसिन विभाग द्वारा “सर्वाइकल साइटोलॉजी” पर एक दिवसीय सीएमई एवं कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस शैक्षणिक कार्यक्रम में मध्यप्रदेश सहित देशभर के विभिन्न संस्थानों से आए पैथोलॉजी के पीजी छात्र, फैकल्टी सदस्य एवं विशेषज्ञों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इसका उद्देश्य सर्वाइकल कैंसर की जांच में नवीनतम तकनीकों की जानकारी देना एवं डायग्नोस्टिक क्षमताओं को सुदृढ़ करना था। इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे एवं कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा, “सर्वाइकल कैंसर, महिलाओं में होने वाले प्रमुख कैंसरों में से एक है, जिसकी समय रहते पहचान और रोकथाम अत्यंत आवश्यक है। इस प्रकार के शैक्षणिक कार्यक्रम चिकित्सकों को अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराकर उन्हें बेहतर सेवा प्रदान करने में सक्षम बनाते हैं। एम्स भोपाल इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है।”


कार्यक्रम में देश के ख्यातनाम विशेषज्ञों जैसे निदेशक संदीप माथुर (एम्स दिल्ली), निदेशक रूबिना ख़ान (जेएनएमसी, एएमयू अलीगढ़), सुप्रिता नायक (जीएमसी नागपुर) एवं एम्स भोपाल की निदेशक वैशाली वाल्के तथा निदेशक जय कुमार चौरसिया द्वारा वैज्ञानिक सत्रों में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। इन विषयों में बेथेस्डा प्रणाली, नमूना संग्रह तकनीकें, एपिथेलियल और ग्रंथिकावली असामान्यताएँ, और सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने में एचपीवी परीक्षण और बायोमार्कर की भूमिका शामिल थी। कार्यशाला की मुख्य विशेषताओं में लिक्विड-बेस्ड साइटोलॉजी (थिनप्रेप) के व्यावहारिक प्रदर्शन, ग्लास स्लाइड देखने के सत्र, विशेषज्ञ-नेतृत्व वाली केस चर्चाएँ, और वर्तमान साइटोलॉजिकल तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल रहा। इस शैक्षणिक कार्यक्रम का सफल समन्वय निदेशक वैशाली वाल्के (आयोजक अध्यक्ष), निदेशक जय कुमार चौरसिया (आयोजक सचिव), एवं निदेशक शक्ति कुमार यादव (संयुक्त सचिव) के नेतृत्व में हुआ। उनकी कुशल योजना और सक्रिय आयोजन समिति के सहयोग से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। प्रतिभागियों द्वारा इस कार्यक्रम को अत्यंत सराहनीय बताया गया और यह सर्वाइकल कैंसर की जांच एवं साइटोलॉजी डायग्नोस्टिक्स की क्षमता वृद्धि में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ।

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