भोपाल । मप्र के 19 हजार से अधिक पटवारी मंगलवार से कलमबंद हड़ताल पर चले गए हैं। वे 3 सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। तीन दिन के सामूहिक अवकाश, भू-अभिलेख के सिवाय अन्य कार्य नहीं करने और वेब जीआईएस सहित सभी ऑनलाइन कामों का बहिष्कार करने के बावजूद सरकार से उनकी चर्चा बेनतीजा रही है। इस कारण अब वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए हैं। मंगलवार को उन्होंने कोई काम नहीं किया।

पटवारियों ने अपना आंदोलन 25 जून से तेज कर दिया था। वे चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। बावजूद सरकार और संगठन के बीच मांगों को लेकर कोई सार्थक चर्चा नहीं हुई। इस कारण अब पटवारी आर-पार की लड़ाई करने के मूड में आ गए हैं। मंगलवार से वे कलमबंद हड़ताल पर चले गए।

इन कामों पर असर

पटवारियों की हड़ताल को आय-जाति के सर्टिफिकेट, जमीन का नक्शा व खसरा रिपोर्ट, बाढ़ राहत, अन्न उत्सव, विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को लाभ देने आदि कामों पर पड़ा है।

ये हैं पटवारियों की मांगें

पटवारियों का ग्रेड पे 2800 करते हुए समय मान वेतनमान विसंगति को दूर किया जाए।

गृह जिले में पदस्थापना हो। वर्तमान में कई पटवारियों को गृह जिले से सैकड़ों किलोमीटर दूर पदस्थ कर दिया गया है।

नवीन पटवारियों की सीपीसीटी की अनिवार्यता संबंधी नियम समाप्त किया जाए।