सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल  :  पश्चिम बंगाल के मिदनापुर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (MMCH) में डिलीवरी के बाद महिला की मौत मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्शन लिया है। उन्होंने आज हॉस्पिटल के 12 डॉक्टर्स को सस्पेंड करने का आदेश दिया है। उन्होंने महिला के परिजनों को 5 लाख रुपए और सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया है।

इसमें कॉलेज के मेडिकल सुपरिटेंडेंट कम वाइस प्रिंसिपल, रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर, एचओडी, सीनियर रेजिडेंट और 6 ट्रेनी डॉक्टर्स शामिल हैं। सभी के खिलाफ गलत सलाइन चढ़ाने की जांच भी की जाएगी। सीआईडी ​​भी डॉक्टरों के खिलाफ जांच जारी रखेगी।

दरअसल मिदनापुर हॉस्पिटल में 8 जनवरी को डिलीवरी के बाद 5 महिलाएं कथित रूप से गलत सलाइन चढ़ाने से बीमार हो गई थीं। बाद में एक महिला की मौत हो गई थी। उसका बच्चा मिदनापुर हॉस्पिटल में ही भर्ती है।

15 जनवरी को जूनियर डॉक्टर्स ने गलत सलाइन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के मंत्री और सचिव को जिम्मेदार बताया था।
15 जनवरी को जूनियर डॉक्टर्स ने गलत सलाइन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के मंत्री और सचिव को जिम्मेदार बताया था।

ममता बोलीं- ऑपरेशन थिएटर में CCTV होने जरूरी ममता बनर्जी ने कहा कि CID ​​और एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट एक जैसी है। 2 रिपोर्ट देखने और मुख्य सचिव व गृह सचिव से सुझाव लेने के बाद यह कदम उठाया है। अगर बिल्डिंग के अंदर CCTV कैमरा होता तो आरोपी को पकड़ा जा सकता था। मुख्य सचिव मनोज पंत और स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को सभी अस्पतालों में ऑपरेशन थियेटर के बाहर तुरंत CCTV लगाने का निर्देश दिया।

ममता ने कहा-

उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टर हॉस्पिटल में 8 घंटे की ड्यूटी के दौरान कोई और काम न करें। उसके बाद आप जो चाहें करें। सभी जांच और सर्जरी के दौरान सीनियर डॉक्टरों को जूनियर और ट्रेनी डॉक्टर के साथ होना चाहिए।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त को पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी महिला डॉक्टर का अर्धनग्न शव मिला था। शुरुआती जांच में सामने आया है कि उसकी रेप के बाद हत्या की गई है।

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