सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर हुई पद्म पुरस्कारों की घोषणा में मध्यप्रदेश के विभिन्न आदिवासी क्षेत्रों तथा पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ तथा झारखंड में वृहत स्तर पर कार्य कर रही समाजसेवी संस्था परिवार के संस्थापक विनायक लोहानी को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है। आईआईटी-आईआईएम से शिक्षित विनायक लोहानी द्वारा वर्ष 2003 में ‘परिवार’ सेवा संस्था की स्थापना की गई थी। श्रीरामकृष्ण और स्वामी विवेकानंद के आध्यात्मिक एवं मानवतावादी आदर्शों से प्रेरित इस समाजसेवी संस्था द्वारा मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ तथा झारखंड में शिक्षा तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक कार्य निशुल्क किए जा रहे हैं।
संस्था द्वारा मध्य प्रदेश के 18 जिलों में एवं छत्तीसगढ़ तथा झारखंड के 1-1 जिलों में कुल 829 केंद्रों के माध्यम से 55 हजार से अधिक बच्चों को निशुल्क गुणवत्तापूर्ण पूरक शिक्षा एवं पोषण आहार प्रदान किया जा रहा है। मध्यप्रदेश तथा पश्चिम बंगाल में संचालित कुल 6 आवासीय परिसरों में लगभग 3500 बच्चे अध्ययनरत हैं। इसके अलावा संस्था द्वारा मध्यप्रदेश के 23 जिलों के आदिवासी क्षेत्रों में निशुल्क 93 एम्बुलेंस संचालित की जा रही हैं तथा 8 जिलों में 21 मोबाईल मेडिकल क्लीनिक के माध्यम से डॉक्टर द्वारा निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण तथा दवाई वितरण की जाती हैं। संस्था द्वारा मध्यप्रदेश के विभिन्न आदिवासी तथा पिछड़े क्षेत्रों में सहयोगी अस्पतालों के माध्यम से नेत्र शिविरों द्वारा आँखों का निशुल्क ऑपरेशन किया जाता है तथा अन्य आवश्यक परामर्श एवं उपचार
प्रदान किया जाता है।
पहले भी मिल चुके कई पुरस्कार एवं सम्मान परिवार संस्था एवं इसके संस्थापक विनायक लोहानी को वर्ष 2011 का राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया गया है। इसके अतिरिक्त नवम्बर 2022 में स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में कार्य हेतु मध्य प्रदेश के महामहिम राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश का पहला ‘मध्य प्रदेश गौरव सम्मान’ भी संस्था एवं इसके संस्थापक विनायक लोहानी को प्रदान किया गया है। इसके अतिरिक्त भी परिवार के सेवा कार्यों हेतु उन्हें अन्य सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
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