सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के लिए ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। यह बिल शीतकालीन सत्र में, यानी नवंबर-दिसंबर में संसद में पेश किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट मीटिंग के बाद कहा, “पहले फेज में विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ होंगे। इसके बाद 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएंगे।” गृह मंत्री अमित शाह ने 17 सितंबर को कहा था कि सरकार इसी कार्यकाल में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लागू करेगी।
कोविंद कमेटी की रिपोर्ट
इस संबंध में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी ने 14 मार्च को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी थी। यह रिपोर्ट 18,626 पन्नों की है और इसमें सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक बढ़ाने का सुझाव दिया गया है।
कोविंद पैनल के सुझाव
- सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए।
- हंग असेंबली या नो कॉन्फिडेंस मोशन के मामले में नए चुनाव कराए जा सकते हैं।
- पहले फेज में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे, इसके बाद 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएंगे।
- चुनाव आयोग राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से एक सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार करेगा।
- चुनाव कराने के लिए आवश्यक जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की जाएगी।
संभावित चुनौतियाँ
कोविंद कमेटी ने 18 संवैधानिक बदलावों का सुझाव दिया है, जिनमें से अधिकांश के लिए राज्यों की सहमति की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, कुछ बदलावों के लिए संसद में बिल पास कराना आवश्यक होगा।
चुनाव की संभावनाएँ
एक देश-एक चुनाव लागू करने के लिए कई राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल घटेगा। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव 2023 के अंत में हुए हैं, उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो यह 2029 से लागू होगा।
पहला और दूसरा चरण
- पहला चरण: 6 राज्य, वोटिंग: नवंबर 2025 में
- बिहार, असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी।
- दूसरा चरण: 11 राज्य, वोटिंग: दिसंबर 2026 में
- उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा।
इन दोनों चरणों के बाद देश की सभी विधानसभाओं का कार्यकाल जून 2029 में समाप्त होगा। सूत्रों के अनुसार, कोविंद कमेटी विधि आयोग से एक और प्रस्ताव मांगेगी, जिसमें स्थानीय निकायों के चुनावों को भी शामिल करने की बात कही जाएगी।