सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: प्रदेष कांग्रेस मुख्यालय के सभागार में प्रदेष कांग्रेस अध्यक्ष सहित अन्य कांग्रेसजनों ने महर्षी वाल्मीकी की जयंती पर उनके चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर उनके सारगर्भित जीवन वृतांत पर प्रकाष डाला।
निदेशक पटवारी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकी ने मानव जाति में कठोर तप और दृढ़ इच्छाषक्ति के माध्यम से जीवन को सारगर्भित बनाने की प्रेरणा जागृत की। उल्टा नाम जपत जग जाना-वाल्मीकि भय ब्रह्म समाना अर्थात वाल्मीकी राम नाम का उल्टा राम जाप कर रहे थे, लेकिन किसी ने यह नहीं देखा कि वे वास्तविक ध्यान में मग्न हो गये है।
इसका सार यह है कि शब्द या मंत्र सिर्फ ध्यान तक पहुंचने का साधन है, जब ध्यान की अवस्था आ जाती है तब हर प्राणी के सब काम बन जाते हैं। महर्षि वाल्मीकी ने इसी तप और साधना में लीन होकर रामायण की रचना की थी। वाल्मीकि अपने तप में इतने लीन थे कि उन्हें इस बात का भी बोध नहीं हुआ कि उनके शरीर पर दीमक की मोटी परत जम चुकी है, जिसे देखकर ब्रह्मा जी ने रत्नाकर का नाम वाल्मीकि रखा दिया।
मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेष नायक ने कहा कि हम सभी को वाल्मीकी रामायण की एक-एक पंक्ति के माध्यम से सद्मार्ग पर चलने की आवष्यकता है। जो व्यक्ति रामायण को एक बार पढ़ ले वह कभी अपने जीवन में निराष और हताष नहीं हो सकता।
मप्र कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने कहा कि महर्षि वाल्मीकी ने संकल्प, दृढ़इच्छा और षिक्षा के माध्यम से एकता का संदेष दिया, समाज को संगठित करने का रास्ता बताया।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, प्रदेष कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजीव सिंह, जिला/षहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना, मुनव्वर कौसर, मुकेष बंसल, हेमंत नरवरिया, नीरज चंडाले सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित थे।

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