सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क– इंटीग्रेटेड ट्रेड- न्यूज़ भोपाल: योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व वाले शहरों के विकास को नई दिशा देने का फैसला किया है। इस योजना के तहत, इन शहरों के ऐतिहासिक भवनों के आसपास अनियंत्रित निर्माण पर रोक लगाई जाएगी और तय ऊंचाई तक ही निर्माण की अनुमति दी जाएगी। इसका उद्देश्य पुराने ऐतिहासिक भवनों को संरक्षित करना और उनके आसपास के क्षेत्रों को सुसज्जित करना है।

ऐतिहासिक भवनों का होगा संरक्षण

आवास विभाग पहले चरण में शहरों में मौजूद ऐतिहासिक भवनों को चिह्नित करेगा और उनकी ऐतिहासिक जानकारी एकत्र करेगा। इसके बाद, इन भवनों के आसपास के क्षेत्रों में निर्माण की ऊंचाई का मानक तय किया जाएगा। बिना योजना के बेसमेंट की खुदाई और अनियंत्रित निर्माण से इन ऐतिहासिक धरोहरों को नुकसान हो सकता है, इसलिए इस पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी।

पार्क और मल्टीलेवल पार्किंग की सुविधा

योगी सरकार की इस योजना के तहत, खाली पड़ी जमीनों पर पार्क और मल्टीलेवल पार्किंग की सुविधा भी विकसित की जाएगी। इससे न केवल इन क्षेत्रों की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि पर्यटकों को भी आकर्षित किया जा सकेगा।

उच्च कोटि का फसाड आर्किटेक्चरल डिजाइन

प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में मुख्य भवनों के फसाड की आर्किटेक्चरल डिजाइन को उच्च कोटि का रखा जाएगा। यह नगर नियोजन की कार्यवाही को कार्बन न्यूट्रल सिद्धांत पर आधारित करेगा। इससे शहरी क्षेत्र के ऐतिहासिक भवन संरक्षित होंगे और आसपास की सुविधाओं में भी वृद्धि होगी।

अंतिम रूप लेने वाली नीति

इस नीति का प्रारूप तय होने के बाद, अन्य विभागों से राय लेकर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। आवास विभाग का मानना है कि इस योजना से ऐतिहासिक भवनों का संरक्षण होगा और शहरी क्षेत्रों का विकास भी तेजी से होगा।

इस योजना के साथ, योगी सरकार उत्तर प्रदेश के शहरों को एक नई पहचान देने की दिशा में अग्रसर है।