सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने देश में न्यूक्लियर एनर्जी (परमाणु ऊर्जा) का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए आदेश दिए हैं। उन्होंने इसे अगले 25 साल में 300% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।

ट्रम्प ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में इससे जुड़े आदेश पर साइन किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब वक्त न्यूक्लियर एनर्जी का है और हम इसका प्रोडक्शन बड़े पैमाने पर करने जा रहे हैं।

ट्रम्प ने कुल चार आदेशों पर साइन किए। इनमें परमाणु रिएक्टरों की मंजूरी की प्रक्रिया को तेज करना, न्यूक्लियर रेगुलेटरी कमीशन में सुधार करना, 4 जुलाई 2026 तक तीन रिएक्टर चालू करना और इस तकनीक के औद्योगिक आधार में निवेश को बढ़ाना शामिल है।

बंद पड़े प्लांट्स दोबारा शुरू किए जाएंगे

एपी की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प ने अपने आदेश में ऊर्जा और रक्षा विभाग को बंद पड़े न्यूक्लियर प्लांट्स को दोबारा शुरू करने के लिए कहा है।

साथ ही संघीय सरकार की जमीन पर नए रिएक्टर बनाने की संभावनाएं तलाशने के लिए कहा है। इनमें अमेरिका के सैन्य ठिकाने भी शामिल होंगे।

बिजली की खपत में दुनिया में दूसरे स्थान पर अमेरिका

अमेरिकी बिजली की खपत के मामले में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। 2023 में अमेरिका में कुल 4200 टेरावॉट-ऑवर (TWh) बिजली की खपत की। यानी औसतन रोजाना 11.5 TWh बिजली की खपत हुई।

वर्तमान में अमेरिका की कुल बिजली का 19% हिस्सा परमाणु ऊर्जा से आता है। यह 2023 में 775 TWh था। अगर ट्रम्प का प्लान सफल होता है तो देश की एक तिहाई बिजली परमाणु ऊर्जा से पैदा होगी।

अमेरिका में कुल सक्रिय न्यूक्लियर पावर प्लांट हैं, जिनमें 94 रिएक्टर काम कर रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा रिएक्टर इलिनॉय राज्य में हैं। इनकी संख्या 11 है।

पिछले कुछ सालों में प्राकृतिक गैस और रिन्युएबल एनर्जी जैसे सस्ते विकल्प के चलते कुछ रिएक्टर को बंद किया गया है।

ट्रम्प पर परमाणु नियामक आयोग (NRC) को कमजोर का आरोप

ट्रम्प पर परमाणु नियामक आयोग (NRC) की कमजोर करने का आरोप लग रहा है। अपने आदेश में ट्रम्प ने NRC की भूमिका को सीमित करते हुए ऊर्जा सचिव को नई परियोजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार दिया है।

बराक ओबामा के समय NRC प्रमुख ग्रेगोरी जैजको ने कहा, “यह ऐसा लगता है जैसे किसी ने AI से पूछा हो कि अमेरिका की परमाणु नीति को कैसे बर्बाद करें।

NRC की सख्त निगरानी को कमजोर करने से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है।

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