भोपाल । सावन की हरियाली अमावस्या 8 अगस्त रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन व्यातिपात और वरियान योग के साथ में रवि पुष्य नक्षत्र रहेगा। इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है। क्योंकि इस समय में हर ओर बारिश होती है और पृथ्वी पर हरियाली रहती है।
श्रावण मास की अमावस्या तिथि का प्रारंभ शनिवार शाम 7 बजकर 11 मिनट से हो गया है। इसका समापन रविवार को शाम 7 बजकर 19 मिनट पर होगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि हरियाली अमावस्या के दिन पेड़ की पूजा की जाती है। इस दिन विशेष रुप से पीपल और तुलसी के पौधे की पूजा करते हैं। पीपल के पेड़ में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है। पूजा के बाद एक पेड़ लगाने का भी विधान है।खासकर किसानों के लिए हरियाली अमावस्या विशेष होती है। किसान इस दिन एक-दूसरे को गुड़ और धानी की प्रसाद देकर अच्छे मानसून की शुभकामना देते हैं। साथ ही वे अपने कृषि यंत्रों का पूजन भी करते हैं। अमावस्या की तरह श्रावणी अमावस्या पर भी पितरों की शांति के लिए पिंडदान और दान-धर्म करने का महत्व है। हरियाली अमावस्या के दिन पूजा-पाठ के साथ ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। इस तिथि पर दीपदान करने से भी जीवन में सकारात्मकता का वास होता है।