सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और चुनाव आयोग को एक याचिका पर नोटिस जारी किया है जिसमें मांग की गई है कि चुनाव से पहले राजनीतिक दलों द्वारा किए गए फ्रीबीज (मुफ्त उपहार) के वादों को रिश्वत घोषित किया जाए और इन पर रोक लगाई जाए।
याचिकाकर्ता शशांक जे श्रीधर ने कहा कि चुनावों के दौरान मुफ्त योजनाओं का वादा करना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत रिश्वत या वोट के लिए प्रलोभन माना जाना चाहिए। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने पहले से लंबित मामलों के साथ जोड़ा है।
मुख्य याचिकाएं:
- अक्टूबर 2024: शशांक जे श्रीधर ने याचिका दायर की, जिसमें फ्रीबीज को रिश्वत घोषित करने की मांग की गई।
- जनवरी 2022: BJP नेता अश्विनी उपाध्याय ने जनहित याचिका दाखिल की थी, जिसमें चुनावी वादों में फ्रीबीज को रोकने की अपील की गई थी।
चुनाव आयोग ने फ्रीबीज के बारे में कहा कि इन योजनाओं की परिभाषा तय करना उनके अधिकार में नहीं है, और यह कोर्ट द्वारा ही निर्धारित किया जाना चाहिए।