सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (SCP) प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार (22 अगस्त) को कहा- हो सकता है कि मेरी इन्फॉर्मेशन निकालने के लिए मेरी सिक्योरिटी बढ़ाई गई है।
नवी मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा- महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं। असली जानकारी निकालने के लिए यह एक अरेजमेंट हो सकता है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने मुझे बताया कि तीन लोगों को जेड प्लस सुरक्षा दी जाएगी। मैं उनमें से एक हूं। मैंने पूछा कि बाकी 2 कौन हैं। मुझे बताया गया कि RSS प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं।
दरअसल, केंद्र सरकार ने 21 अगस्त को महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों को देखते हुए शरद पवार को Z+ सिक्योरिटी दी थी। इससे 10 अतिरिक्त CRPF जवान पवार की सुरक्षा में तैनात किए गए हैं। कुछ दिनों पहले राज्य में आरक्षण संबंधी प्रदर्शनों को लेकर खुफिया एजेंसियों ने उनकी सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया था।
किसे दी जाती है Z+ सिक्योरिटी?
देश के सम्मानित लोगों और नेताओं को जान का खतरा होने पर उन्हें Z+ सिक्योरिटी दी जाती है। ये सुरक्षा मिनिस्टर्स को मिलने वाली सिक्योरिटी से अलग होती है। पहले सरकार को इसके लिए एप्लिकेशन देनी होती है, जिसके बाद सरकार खुफिया एजेंसीज के जरिए खतरे का अंदाजा लगाती हैं। खतरे की बात कंफर्म होने पर सुरक्षा दी जाती है। होम सेक्रेटरी, डायरेक्टर जनरल और चीफ सेक्रेटरी की कमेटी ये तय करती है कि संबंधित लोगों को किस कैटेगरी में सिक्योरिटी दी जाए।
कौन देता है Z+ सिक्योरिटी?
पुलिस के साथ-साथ कई एजेंसीज VIP और VVIP को सिक्योरिटी कवर दे रही हैं। इनमें स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी SPG, NSG, ITBP और CRPF शामिल हैं। हालांकि, खास लोगों की सुरक्षा का जिम्मा NSG के कंधों पर ही होता है, लेकिन जिस तरह से Z+ सिक्योरिटी लेने वालों की संख्या बढ़ी हैं, उसे देखते हुए CISF को भी यह काम सौंपा जा रहा है।
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन जारी
मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन की अगुआई करने वाले मनोज जरांगे पाटिल ने पिछले साल जुलाई में जालना के अंतरवाली सराती में अनशन किया था। इसके बाद महाराष्ट्र CM एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में 1 नवंबर 2023 को सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सहमति जताई कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना ही चाहिए। इस बैठक में शरद पवार समेत 32 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे।
बैठक के बाद CM शिंदे ने कहा था- यह निर्णय लिया गया है कि आरक्षण कानून के दायरे में और अन्य समुदाय के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए। आरक्षण के लिए अनशन पर बैठे मनोज जरांगे से अपील है कि वो अनशन खत्म करें। हिंसा ठीक नहीं है।
ओबीसी समुदाय मराठाओं को कुनबी सर्टिफिकेट देने के खिलाफ
मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके बाद मनोज जरांगे पाटिल समेत कई लोग दावा कर रहे हैं कि मराठा समाज मूल रूप से कुनबी जाति से है। यानी मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाता है तो आरक्षण मिलने पर उसे ओबीसी कोटे से लाभ मिल जाएगा।
फिलहाल राज्य में ओबीसी कोटे से आरक्षण 19 फीसदी है। ओबीसी समुदाय के संगठनों का मानना है कि अगर इसमें मराठा समुदाय को भी शामिल किया गया तो आरक्षण का फायदा नए लोगों को मिलेगा। हमारा विरोध मराठा आरक्षण से नहीं बल्कि उन्हें ओबीसी से आरक्षण देने को लेकर है।