सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 4 जून रिजल्ट डे पर स्टॉक मार्केट की गिरावट को बड़ा घोटाला बताया। उन्होंने इसकी जेपीसी (जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी) से जांच कराने की मांग की है।
राहुल ने कहा कि 31 मई को भारी स्टॉक एक्टिविटी थी। ये वो लोग थे, जो जानते थे कि कोई न कोई घपला हो रहा है। हजारों करोड़ों यहां इन्वेस्ट हुए। 30 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। रीटेल इन्वेस्टर का नुकसान हुआ। ये हिंदुस्तान का सबसे बड़ा स्कैम है।
राहुल के आरोप पर भाजपा नेता पीयूष गोयल ने कहा, ‘फिर एक बार मोदी सरकार आना निश्चित है। इस बात से राहुल गांधी परेशान नजर आते हैं। लोग निवेश न करें, इसके लिए बोल रहे हैं। एक जून और 4 जून की खरीद फरोख्त से भारतीय निवेशकों को नुकसान नहीं, बल्कि फायदा हुआ।
राहुल बोले- मोदी-शाह ने कहा था नतीजे आएंगे, तो शेयर बाजार आसमान पर जाएगा
राहुल गांधी ने कहा, ‘पहले गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आने वाली 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे, तो शेयर बाजार आसमान पर जाएगा। इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी आने की बात कहते हुए लोगों को शेयर खरीदने की सलाह दी। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इसी तरीके से शेयर बाजार में जोरदार उछाल की बात कही थी।’
लोकसभा चुनाव के नतीजों वाले दिन यानी 4 जून को सेंसेक्स में 4389 अंकों (5.74%) की गिरावट देखने को मिली थी। इससे निवेशकों को 30 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। 4 जून को BSE पर लिस्टेड कंपनियों का ओवर ऑल मार्केट कैप 395 लाख करोड़ रुपए हो गया थो। एक दिन पहले यह लगभग 426 लाख करोड़ रुपए था।
भाजपा ने कहा- भारत के छोटे निवेशकों को फायदा हुआ
राहुल के आरोप पर भाजपा नेता पीयूष गोयल ने कहा, ‘फिर एक बार मोदी सरकार आना निश्चित है। इस बात से राहुल गांधी परेशान नजर आते हैं। लोग निवेश न करें, इसके लिए बोल रहे हैं। आज से 10 साल पहले जब यूपीए की सरकार थी, तब भारत का मार्केट कैप 67 लाख करोड़ था। यही मोदी जी को विरासत में मिला था। आज हमारा मार्केट कैप 415 लाख करोड़ का मार्केट कैप हो चुका है। इसमें 5 गुना से ज्यादा बढ़त मोदी सरकार के कार्यकाल में हुई है।’
पीयूष गोयल ने बताया, ‘जिस दिन एग्जिट पोल आए तो मार्केट ऊपर था। तब फॉरेनर्स ने महंगे दाम पर शेयर खरीदे। भारतीय निवेशकों ने बेचकर लाभ लिया। 4 जून को जब मार्केट गिरा, तब फॉरेन इन्वेस्टर्स ने कम दाम पर बेचा और भारतीय निवेशकों ने खरीदा। भारतीय निवेशकों ने सोचा कि मोदी सरकार आ रही है, हम फायदा कमाएंगे। कहने का मतलब ये है कि भारतीय निवेशकों ने महंगे दाम पर बेचा और कम दाम में खरीदा।’