सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी में नेशनल फार्मेसी वीक का आयोजन हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को फार्मेसी के क्षेत्र में जागरूक करना और फार्मासिस्ट की भूमिका को समाज में पहचान दिलाना था। इस वर्ष की थीम “थिंक हेल्थ थिंक फार्मेसी” के तहत, फार्मेसी के महत्व को बताया गया कि किस प्रकार फार्मासिस्ट समाज के स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाते हैं। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि गिरजेश विश्वकर्मा, फार्माकोविजिलेंस एसोसिएट, मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड वेलफेयर गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल सीपी मिश्रा, डीन आईसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटी (एजीयू), पद्मेश चतुवेर्दी, ओएसडी टू चेयरमैन, एजीयू और दुर्गा पांडेय, प्रिंसिपल आरएनटीयू इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी विशेष रूप से उपस्थित थे।
इस मौके पर निदेशक गिरजेश विश्वकर्मा ने फार्माकोविजिलेंस फार्माकोविजिलेंस के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे यह प्रणाली दवाओं के दुष्प्रभावों की निगरानी करने में मदद करती है। उन्होंने फार्मासिस्ट की भूमिका को भी रेखांकित किया, जो किसी भी दवा के प्रभाव को सुरक्षित और प्रभावी तरीके से सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
इसके उपरांत निदेशक सीपी मिश्रा ने राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह की शुभकामनाएँ दीं और फार्मासिस्ट का समाज में योगदान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि फार्मासिस्ट का कार्य केवल दवाएं वितरण करना ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य संबंधित देखभाल में भी एक अहम भूमिका निभाना है। वहीं निदेशक पद्मेश चतुवेर्दी ने राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह के आयोजन के उद्देश्य और इसके महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह को मनाने का मुख्य उद्देश्य फार्मासिस्ट के योगदान को समाज के प्रत्येक वर्ग में प्रभावी तरीके से पहुंचाना है।
कार्यक्रम के अंत में निदेशक दुर्गा पांडेय ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि फार्मासिस्ट की जिम्मेदारियाँ स्वास्थ्य संबंधित पेशे में अत्यधिक महत्वपूर्ण होती हैं। उन्होंने कहा कि फार्मासिस्ट केवल दवाओं का वितरण ही नहीं करते, बल्कि वे रोगी की देखभाल में भी एक अभिन्न भूमिका निभाते हैं। निदेशक दुर्गा पांडेय ने फार्मेसी सप्ताह की इस वर्ष की थीम, “थिंक हेल्थ थिंक फार्मेसी” पर जोर देते हुए यह बताया कि फार्मासिस्ट का कार्य चिकित्सा क्षेत्र के अन्य पेशेवरों के साथ मिलकर काम करना और लोगों की सेहत को बेहतर बनाना है। उन्होंने यह भी कहा कि “फार्मासिस्ट चिकित्सा विभाग का दिल होता है” क्योंकि वे दवाओं के चयन, दवाओं के सही उपयोग, रोगियों के उपचार और दवाओं के दुष्प्रभावों की निगरानी के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधित देखभाल में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करते हैं।
कार्यक्रम के पहले दिन, एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। साथ ही विद्यार्थियों ने क्रिकेट और टग ऑफ वॉर जैसे खेलों में उत्साहपूर्वक भाग लिया। विद्यार्थियों के जोश और उत्साह ने कार्यक्रम को और भी रोमांचक बना दिया। दूसरे दिन, विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षणिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें विद्यार्थियों ने रंगोली प्रतियोगिता, क्विज़ कॉन्टेस्ट, डांस, सिंगिंग, कविता पाठ, बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट और लेबल डिज़ाइन जैसी प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थी और इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी विभाग के प्राध्यापकगण उपस्थित थे।
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