सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कइंटीग्रेटेड ट्रेडन्यूज़ भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय द्वारा इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) पर पैनल डिस्कसन का आयोजन किया गया। पैनल डिस्कसन  के माध्यम से शिक्षा पाठ्यक्रम का एकीकरण, बहुविषयक पाठ्यक्रम, त्वरित शिक्षक प्रमाणन विधि, व्यावहारिक शिक्षा, शिक्षण विधियां, व्यावसायिक विकास की संभावनाएं, प्रौद्योगिकी एकीकरण पर डिस्कसन किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि रजनी कांत, कुलपति, आरएनटीयू सहित बतौर विषय विशेषज्ञ संगीता जौहरी, प्रतिकुलपति, पूजा चतुर्वेदी, उपकुलसचिव (अकादमिक), किरण मिश्रा, डीन, शिक्षा संकाय एवं समन्वयक पैनल डिस्कसन, ब्रजेश कुमार शर्मा, अध्यक्ष, शिक्षा  विभाग, आरएनटीयू, एच.के. खण्डाई, सतत् शिक्षा  विभाग, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल, एफ.एस. खान, सह प्राध्यापक, आई.ए.एस.ई., भोपाल, रितेश मिश्रा, अध्यक्ष, शिक्षा विभाग, सी.वी.रमन वि.वि., बिलासपुर, पूजा शर्मा अध्यक्ष, शिक्षा विभाग, सी.वी.रमन विश्वविद्यालय, खंडवा, नीलम सिंह, अध्यक्ष, शिक्षा  विभाग, एस.जी.एस.यू., भोपाल के अलावा विभिन्न राज्यों से विभिन्न संस्थाओं विश्वविद्यालयों और विद्यालयों से पैनल डिस्कशन में शामिल हुए।

इस परिचर्चा का मुख्य उद्देश्य भविष्य में प्रारंभ होने वाले इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम के विभिन्न पक्षों एवं चुनौतियों पर गहन चर्चा करना था। इस तारतम्य में एन.सी.टी.ई. द्वारा निर्देशित चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम के अंतर्गत बी.एस.सी. बी.एड, बी.ए. बी.एड एवं बी.कॉम बी.एड. के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए ब्रजेश कुमार शर्मा द्वारा विभिन्न प्रश्नों जैसे आईटीईपी के प्रारंभ करने की क्या आवश्यकता है। आईटीईपी के क्या लाभ है। आईटीईपी के पाठ्यक्रम का ढांचा क्या होगा। आईटीईपी का आर्डिनेंस किस प्रकार तैयार किया जाएगा। भविष्य में आईटीईपी में चुनौतियां क्या हांगी।

डॉ. एफ.एस. खान, डॉ. एच.के. खण्डाई और डॉ. किरण मिश्रा ने समिति निर्माण करने पर जोर दिया साथ ही इसमें विभिन्न संस्थानों से सदस्यों को शामिल करने की बात कही। वहीं विद्यालय से पधारे प्राचार्य श्री कृष्ण कांत ने शिक्षकों, पालकों और विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने की बात कही। अन्य प्रतिभागियों ने भी कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर अपनी भागीदारी प्रस्तुत की। कार्यक्रम के अंत में डॉ. किरण मिश्रा ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब हमें आईटीईपी के साथ आगे बढ़ना है।